इसकी सूचना अखिल भारतीय विश्नोई महासभा व जंभेश्वर पर्यावरण तथा जीव रक्षा संस्था के कार्यकर्त्ताओं को मिली, तो सांवतसर से संतोष धारणियां, संस्था इकाई अध्यक्ष मांगीलाल खीचड़, बजरंग धारणियां व सुनील जाट मौके पर पहुंचे। इस पर कंपनी के कार्मिकों ने जेसीबी लेकर भागने का प्रयास किया, तो ग्रामीणों ने पीछा कर उनको घेर लिया तथा रोक भी लिया। कुछ ही देर में मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। इससे गहमागहमी बढ़ गई। सूचना पर जसरासर पुलिस भी मौके पर पहुंची। यहां पटवारी व गिरदावर भी पहुंच गए है यहां नौ खेजड़ीपेड़ काटे गए है। इनमें छह को उठा लिया गया। जबकि तीन हरे खेजड़ी के पेड़ कटे मौके पर पड़े मिले। खेत में 17 पेड़ अभी भी शेष है। बीते गुरुवार को भी संस्था के पदाधिकारियों ने नोखा उपखंड अधिकारी एवं जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर खेजड़ी नहीं काटने देने का आग्रह भी किया था। खेजड़ी के पेड़ बचाने में जुटे संस्था पदाधिकारी व अन्य विश्नोई समाज के युवा लगातार चार रात से यहां गश्त भी कर रहे थे। संस्था के कैलाश विश्नोई ने आरोप लगाया है कि प्रशासन इस मामले में लापरवाही बरत रहा है। संस्था की ओर से पर्यावरण के साथ खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा। ग्रीन एनर्जी व विकास के नाम पर पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। क्षेत्र में जगह-जगह बन रहे सोलर प्रोजेक्ट हेतु समतल भूमि करने के लिए खेजड़ी सहित अन्य हरे-भरे पेड़ो को काटा जा रहा है। इससे पर्यावरणप्रेमियों में रोष व्याप्त है।