दोनों देशों का अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास है। दोनों देशों के 600-600 सैनिक युद्धाभ्यास में भाग ले रहे है। इसमें अमेरिका की हाई मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्टम का उपयोग भी किया जाएगा। अमेरिका की यह रॉकेट यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ काम लेने पर चर्चा में आई थी। भारत अमेरिका के संयुक्त युद्धाभ्यास का यह 20वां संस्करण हो रहा है। साल 2004 में पहला संस्करण भी अमेरिका के सैनिकों का भारत की राजपूत बटालियन के साथ हुआ था। अब 20 साल बाद उसी बटालियन के साथ फिर हो रहा है।
सबसे बड़ा अभ्यास
भारत-अमेरिका का संयुक्त अभ्यास इससे पहले 19 बार हो चुका है। परन्तु इस बार का अभ्यास इस लिहाज से भी सबसे बड़ा है कि इसमें एक हजार से अधिक सैनिक सीधे काल्पनिक निर्मित युद्ध लोकेशन पर उतरेंगे। शुरुआत के एक सप्ताह में दोनों देश के सैनिक एक दूसरे की भाषा, हथियार और युद्ध के तरीकों को समझेंगे। इसके बाद एक संयुक्त युद्ध कमान का गठन महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के धोरों के बीच काल्पनिक युद्ध की िस्थतियों को बनाया जाएगा। जिस पर दोनों देश के सैनिक मिलकर युद्ध का अभ्यास करेंगे। भारत और अमेरिका के सैनिक अपनी-अपनी सेना में शामिल राइफल, मिसाइल व अन्य हथियारों का उपयोग करेंगे।
फायरिंग व पोजीशन के साझा किए अनुभव
भारत और अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास उद्धघाटन कार्यक्रम में भारतीय सेना की राजपुत इन्फेंट्री बटालियन और यूएस आर्मी की एयरबॉन बटालियन के सैनिक शामिल हुए। दोनों देशों के सैनिक आपस में उत्साह के साथ मिले और संयुक्त सैन्य अभ्यास में फायरिंग समेत अन्य पोजीशन लेकर अनुभव साझा किए। अभ्यास में बड़ी संख्या में महिला सैनिक भाग ले रहे है।