आराेप है कि, हॉस्पिटल संचालक बिना रजिस्ट्रेशन के महीनों से हॉस्पिटल चला रहा था। नोडल अफसर और एसडीएम ने हॉस्पिटल को सील कर दिया है। हॉस्पिटल में भर्ती सभी 10 मरीजों काे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर ने एक सरकारी अफसर पर लाखों रुपये सुविधा शुल्क के रूप में लेने का आराेप भी लगाया है।
छापेमारी से पहले कुछ लाेगाें ने जिलाधिकारी से हॉस्पिटल से जांच कराए जाने की मांग की थी। जिला अधिकारी के आदेश पर आज शाम स्वास्थ्य विभाग के नोडल अफसर डॉक्टर एसके निगम और एसडीएम सदर ब्रजेश कुमार ने छापा मारने पहुंचे और अस्पताल संचालक से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मांगा तो डॉक्टर कागजात नहीं दिखा पाए। इसी बात पर अस्पताल काे सील कर दिया गया। इस अस्पताल में आईसीयू भी चल रहा था।
छापा मारने वाले नोडल अफसर एसके निगम का कहना है कि ये छापा जिला अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशों पर कार्रवाई की गई है। बगैर रजिस्ट्रेशन निजी हॉस्पिटल चल रहा था, जिसको सील करा दिया गया है । नोडल अफसर ने कुछ दिन पहले भी इस हॉस्पिटल पर छापा मारा था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई थी ।
इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर राजेश का कहना है कि हमने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अप्लाई किया हुआ है। यह आरोप भी लगाया है कि रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर उनसे दाे लाख रुपये सुविधा शुल्क भी लिया गया था। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।