बता दें कि नूरपूर विधानसभा सीट 2017 में भाजपा के लोकेंद्र सिंह चौहान ने सपा के नईमुल हसन को हराकर कब्जाई थी। लेकिन कुछ समय पहले एक सड़क दुर्घटना में लोकेंद्र चौहान की मौत हो जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। जिस पर आने वाली 28 मई को उपचुनाव होना है। इस बार भाजपा ने इस सीट पर दिवंगत विधायक लोकेन्द्र चौहान की पत्नी अवनी सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं सपा-रालोद गठबंधन ने 2017 में इसी विधानसभा सीट से हारे नईमुल हसन पर एक बार फिर दांव खेला है।
ने क्यों कहा, ‘अखिलेश यादव में इतनी हिम्मत नहीं’ उधर, गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट हाथ से निकल जाने के बाद भाजपा नूरपुर विधानसभा और कैराना लोकसभा सीट को गंवाने के मूड में नही लग रही। जिसके चलते भाजपा हाई कमान ने अपने मंत्री, सांसदों और विधायकों से आने वाले उपचुनावों में अपने उम्मीदवारों को भारी मतों से चुनाव जीताकर विधानसभा भेजने को कहा है। जिसके चलते भाजपा के सांसद और विधायकों ने अपने काफिलों के साथ नूरपुर में डेरा डाल दिया है। जिसमे बिजनौर सांसद, मुरादाबाद सांसद, धामपुर विधायक, बढ़ापुर विधायक सहित कई भाजपा नेता नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव जाकर जीत सुनिश्चित करने को पसीना बहा रहे हैं।
भाजपा के धामपुर विधायक अशोक राणा ने बताया कि भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत चुनावी मैदान में झोंक दी गई है। बीजेपी नेताओं को डर है कि कहीं गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट की तरह नूरपुर विधानसभा सीट भी उनके हाथ से ना निकल जाये। उनका कहना है कि भाजपा ने सबका साथ सबका विकास की राजनीति की है और वे सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। सपा और बसपा गठबंधन से उनका कुछ नहीं बिगड़ने वाला। वह क्षेत्र में घूम रहे हैं और जनता का रुझान भाजपा की तरफ है। भाजपा ने गरीब जनता के लिए दर्जनों योजनाएं चलाई हैं। इस उपचुनाव में भी जीत भाजपा प्रत्याशी की ही होगी।