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भोपाल

युवा रचनाकारों ने ऐसा जमाया रंग कि लोग हुए मंत्रमुग्ध

संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित गमक शृंखला

भोपालJul 10, 2021 / 12:28 am

mukesh vishwakarma

युवा रचनाकारों ने ऐसा जमाया रंग कि लोग हुए मंत्रमुग्ध

युवा रचनाकारों ने ऐसा जमाया रंग कि लोग हुए मंत्रमुग्ध

भोपाल. संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित गमक शृंखला में शुक्रवार को साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यिक सांगीतिक प्रस्तुति के तहत हिमांशु सिंह सोलंकी एवं साथी ने हिंदी साहित्य में पिता का गौरव गान एवं चित्रांश बाघमारे, आद्या भारती, हर्ष सक्सेना, सोमेश शर्मा और अनुभूति त्रिवेदी ने बाल कवियों की चौपाल प्रस्तुति का प्रसारण सोशल मीडिया पर किया गया। प्रस्तुति की शुरुआत हिमांशु सिंह सोलंकी ने साहित्य में पिता के गौरव गान से की। जिसमें उन्होंने बड़ी हिम्मत वाले, ताकत वाले और जग से निराले हैं पापा मेरे पापा…गान किया। पिता पर केन्द्रित इस प्रस्तुति में हिमांशु ने यह बताने का प्रयास किया है कि कैसे एक पिता अपने परिवार एवं बच्चों का पालन पोषण करता है। उन्हें संस्कारित करता है। वह पूरा जीवन अपने परिवार को खुशियां देने का प्रयास करता है। वहीं एक पुत्र अपने पिता के लिए अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहना चाहता है कि मैं ऐसे पिता को पाकर में धन्य हूं जिन्होंने मुझे चलना सिखाया। मेरा पालन पोषण किया शिक्षित और संस्कारित किया मेरी हर आवश्यकताओं को पूरा किया। जीवन के हर कठिन मोड़ पर मुझे संभाला। ऐसे पिता को मैं क्या उपहार हूं यदि मैं पूरा जीवन भी उनपर न्योछावर कर हूं तो वह भी कम होगा।

मेघ का संवाद आया…
दूसरी प्रस्तुति बाल कवियों की चौपाल में चित्रांश बाघमारे ने ‘भर गया भीतर हरापन, मेघ का संवाद आया… सुनाई। आद्या भारती ने ‘शहीदों के सम्मान में लिखना, तुमने कलम उठाई है, तो वर्तमान लिखना, हो सके तो तुम, शहीदों के सम्मान में लिखना। हर्ष सक्सेना ने देश के तुम वीर जवानों, कभी नहि तुम झुकते हो…, अनुभुति त्रिवेदी ने ‘आशाएंÓ सोच सकारात्मक रखो हमेशा, ईश्वर और खुद पर रखो भरोसा। और सोमेश शर्मा ने घर से बाहर मत जाना, घर से बाहर मत जाना भैया कोरोना खड़ो, कविता पाठ किया।

रद्दी किताबों के पन्नों से बनाएं आकर्षक आर्ट वर्क
भोपाल. हमारे घरों में अक्सर पुरानी किताबों या तो रद्दी में बिक जाती हैं या धूल खाती रहती हैं। किताबों के सफेद पन्ने भी पीली पड़ जाते हैं। ऐसी ही पुराने किताबों के पन्नों से कई आकर्षक आर्टवर्क बनाए जा सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद की स्नातक टेक्सटाइल डिजाइनर अदिति अनुज द्वारा पन्नों से नवीन सृजन किए हैं। अदिति ऐसे सृजन की तकनीक और कला सिखाने आ रही हैं एक विशेष वर्कशॉप किताबों के पन्ने में। सर्जना एकेडमी फॉर डिजाइन एन्ड फाइन आट्र्स द्वारा आयोजित ये वर्कशॉप 10 जुलाई को शाम 4 बजे जूम पर होगी। ये वर्कशॉप नि:शुल्क है और इसमे 12 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है।

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