ये हैं कासियत
जानकारी के लिए बता दें कि विस्टाडोम श्रेणी का एक कोच रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंच गया है। यह आधुनिक सुविधाओं से लैस है और रेलवे ने इसे पर्यटन की दृष्टि से तैयार किया है। इस कोच की दीवारें पारदर्शी है। इसमें बैठने वाले पर्यटक व यात्री बैठे-बैठे आसपास के नजारे का लुफ्त उठा सकेंगे। इसकी छतों का आधा हिस्सा कांच का है। इसमें लगी चेयरकार बर्थ मूवेबल है जिन्हें यात्री अपनी सुविधाओं के अनुरूप जब चाहे तब एक से दूसरी ओर घुमा सकते हैं। इस कोच की और भी कई खासियत है, जो एलएचबी और आइसीएफ श्रेणी के कोचों में नहीं होती है। इस कोच को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से जबलपुर के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस में लगाया जाएगा। यह कोच फिलहाल ट्रायल के रूप में लगाया जाएगा, जिसे बाद में नियमित करने की योजना है।
सीटें 180 डिग्री पर घूम सकती हैं
कोच में यात्रियों के लिए कुल 44 सीटें हैं. ये सीटें आरामदायक तो हैं ही, पैर फैलाने के लिए भी काफी स्पेस है. ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के लोग आराम से सफर कर सकते हैं. लेकिन सीटों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन्हें चारों ओर घुमाया जा सकता है. यानी यात्री सामने की ओर मुंह करके बैठने को मजबूर नहीं होगा, बल्कि जिस दिशा में चाहे, देख सकेगा.
हैं मॉड्युलर टॉयलेट
आमतौर पर रेल में सफर करने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी टॉयलेट में साफ-सफाई को लेकर होती है. इस मॉडर्न कोच में इसका भी ध्यान रखा गया. ये मॉड्युलर टॉयलेट इको फ्रेंडली होंगे और इनमें लगातार साफ-सफाई चलेगी ताकि किसी भी यात्री को असुविधा न हो. इसमें बायो टैंक होगा ताकि ट्रैक पर गंदगी न हो.
मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा
बीते महीने पूर्व रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट किया था, जिसमें रेल के डिब्बों का वीडियो था. ये विस्टाडोम कोच हैं जो रेलवे की नई पहल है. ये पर्यटन स्थलों की यात्रा को बेहद यादगार बनाने के मकसद से हुई शुरुआत है. उम्मीद की जा रही है कि इससे न केवल लोग प्रकृति के और करीब आएंगे, बल्कि भारतीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.