अब तक 350 की मदद
एम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग के डॉ.राघवेंद्र कुमार ने बताया कि लाखों तरह के जहर ऐसे होते हैं जिनका इलाज डॉक्टरों को भी नहीं पता होता। ऐसे में फौरन इलाज नहीं मिलने के कारण कई बार मरीजों की मौत हो जाती है। ऐसे मामलों में पीआइसी बहुत मददगार हो सकता है। यहां हजारों तरह के जहर के ब्योरा वाला साफ्टवेयर में स्टोर है। इसमें लगभग हर जहर का इलाज मौजूद है। अब तक लगभग 350 लोगों का इलाज सेंटर की मदद से हुआ है। इनमें 150 प्रदेश के और 200 अन्य प्रदेशों के लोग शामिल हैं। पीआइसी में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर मेडिकल कॉलेज तक के डॉक्टरों ने जहर के इलाज व उसके दुष्प्रभाव के बारे में पूछा। पीआइसी में आए लगभग 350 फोन में से 75 फीसदी मरीज पुरुष थे। इनमें 131 किसान और 78 छात्र थे। इसके अलावा 51 मामले दवाओं के ओवर डोज के सामने आए।
फैक्ट फाइल
— 2021 में 23 हजार से ज्यादा की मौत जहर से हुई
— 2021 देश में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 5351 लोगों की जहर से मौत
(एनसीआरबी 2021 के आंकड़े के आधार पर)
— भोपाल में हर साल हजार लोग जहर के इलाज के लिए आते हैं
— राजधानी में 600 से ज्यादा पाइजनिंग के मरीज हमीदिया जाते हैं
24 घंटे चालू रहता है सेंटर
एम्स भोपाल के निदेशक,प्रो. (डॉ.) अजय सिंह बताते हैं कि एम्स का पॉइजनिंग सेंटर 24 घंटे चालू है। यहां अब तक करीब 350 फोन आए हैं। इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को समय से इलाज मुहैया कराने का काम जारी है।
2437 नंबर पर जानकारी
टोल फ्री नंबर-180023331122
मोबाइल नंबर-9407304738, 9407214738