2 अक्टूबर को पहली बार दिखा था मूवमेंट
टाइगर का मूवमेंट सबसे पहले 2 अक्टूबर की रात को देखा गया था। बाइक सवार 3 स्टूडेंट्स ने टाइगर को देखा था। इसके बाद से ही वन विभाग के 20 अधिकारी-कर्मचारियों की टीम मैनिट में डेरा डाले हुए हैं। 7 दिन के भीतर टाइगर दो से तीन बार ट्रैप कैमरे में कैद हुआ, जबकि उसने चार गायों पर हमला किया। इनमें से दो गायों की मौत हो गई। टाइगर के फुटप्रिंट भी पुलिया, आठ नंबर हॉस्टल और तालाब के आसपास मिले हैं। इसलिए 6 ट्रैप कैमरे और पिंजरों की मदद से टाइगर को पकडऩे की कोशिशें जारी हैं। बावजूद इसके वह अब तक पकड़ में नहीं आया है।
फिलहाल वेट एंड वॉच
डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि अभी हम वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रहे हैं। टाइगर के मूवमेंट वाले स्थानों पर पिंजरे रखे हैं। ताकि, वह पिंजरों में आ जाए। दो-तीन दिन तक और देखेंगे। यदि वह पिंजरे में आता है, तो ठीक लेकिन यदि वह पिंजरे में नहीं आता है, तो इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे। हो सकता है रेस्क्यू करना पड़े।
स्टूडेंट्स को हॉस्टल में रहने की हिदायत
टाइगर के मूवमेंट के बाद मैनिट प्रबंधन ने स्टूडेंट्स को हॉस्टल में ही रहने को कहा है। उनकी ऑनलाइन क्लास ली जा रही है। मैनेजमेंट टाइगर के पकड़ में आने या बाहर चले जाने के बाद ही ऑफलाइन क्लॉसेस पर फैसला करेगा।
करीब 6 हजार लोग हैं मैनिट परिसर में
आपको बता दें कि मैनिट में करीब 5 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। वहीं, स्टाफ समेत उनके परिजनों की संख्या करीब एक हजार है। कई लोगों ने गायें भी पाल रखी हैं। इन्हीं में से चार गायों पर टाइगर ने हमला किया है। नगर निगम ने यहां से गायों को पकडऩे की कार्रवाई की है। रहवासियों को चेताया गया है कि वे फिलहाल बाहर न निकलें जब तक टाइगर पकड़ में नहीं आता लोग अपने घरों में ही रहें।