विद्यार्थियों का कहना है इंंस्टीट्यूट द्वारा जब उनसे व अभिभावकों से सहमति ली गई तो उसमें भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि रूम साझा करना पड़ेगा। कक्षाओं में वे जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। लेकिन हॉस्टल में रूम शेयर करने के कारण वे चाहकर भी कोविड-19 का पालन नहीं कर सकेंगे।
आइसर में पांच वर्षीय कोर्स बीएसएमएस के दूसरे वर्ष के विद्यार्थी भी परिसर को ज्वाइन करने लगे हैं। इनसे पहले तीसरे से पांचवे वर्ष के विद्यार्थियों ने भी इंस्टीट्यूट को ज्वॉइन कर लिया है। हॉस्टल में कमरे कम पडऩे लगे हैं। इसलिए विद्यार्थियों को एक रूम में दो विद्यार्थियों को साझा करने को कहा जा रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि तीसरे और चौथे वर्ष के विद्यार्थियों को भी रूम साझा करके रहना पड़ रहा है।
आइसर के रजिस्ट्रार केवी सत्यमूर्ति का कहना है कि पूरा देश खुल रहा है। विद्यार्थियों की भी मांग थी कि इंस्टीट्यूट खोला जाए। जो सुविधाएं हैं उन्हीं के अनुरूप व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी। हॉस्टल में 1500 रूम की क्षमता है। लेकिन विद्यार्थियों की संख्या करीब 500 अधिक है। इसलिए विद्यार्थियों को रूम शेयर करने को कहा है। जो विद्यार्थी ट्रेवल करके बाहर से इंस्टीट्यूट आते हैं उन्हें क्वॉरेंटाइन करने के लिए व्यवस्था बनाकर रखनी होगी।