नए प्रावधान में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म से टैक्स की देनदारी किराएदार की होगी, जिसे हर माह रिटर्न फाइल करते समय कैशलेजर से देना होगा। जीएसटी विशेषज्ञ सीए नवनीत गर्ग ने बताया कि इसमें चूक पर ब्याज और पैनाल्टी लगेगी। वहीं पारिवारिक संपत्ति को भी यदि किराए पर लिया गया, तब भी किराए में टैक्स की देनदारी तय होगी।
ये होंगे नए प्रावधान
– किराएदार: प्रॉपर्टी के मालिक जीएसटी में पंजीकृत नहीं है तो टैक्स का भार किराएदार उठाएगा। हालांकि टैक्स में छूट ली जा सकेगी। – स्कै्रप व्यापारी: जीएसटी में पंजीकृत स्क्रैप व्यवसायी अपंजीकृत व्यवसायी से मैटल स्क्रैप खरीदता है तो टैक्स देने की जवाबदारी माल खरीदने वाले की होगी।