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यहां से दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
कुंडलाकार ग्रहण ‘रिंग ऑफ़ फायर’ बनाता है, लेकिन यह पूर्ण ग्रहण से अलग होता है। इस बार पड़ने वाला सूर्य ग्रहण मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के अलावा, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान और चीन समेत अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। एक्सपर्टस कहते हैं कि, आगामी सूर्यग्रहण लगता हुआ दिखेगा तो पूरे भारत में पर मॉनसूनी बादलों और नमी के कारण हर जगह से इसका देखा जाना संभव नहीं होगा।
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ये हैं मान्यताएं
वैसे तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन भारत में इस घटना को लेकर अलग-अलग मान्यताएं भी हैं। जैसे आमतौर लोग पर घर पर रहना पसंद करते हैं, ग्रहण के समय खाने-पीने से बचते हैं, दरभा घास या तुलसी के पत्तों को खाने और पानी में डाल दिया जाता है, ताकि ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकें। कई लोग ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करते हैं, कई ग्रहण के बाद नए कपड़े पहनते हैं, इसी तरह सूर्य देव की उपासना वाले मंत्रों का उच्चारण भी इस दौरान किया जाता है। ग्रहण के दौरान कई लोग पानी पीने से बचते हैं, कई जगह ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकता, कई लोग इस दौरान शुभ कार्य नहीं करते, क्योंकि ग्रहण को अशुभ माना जाता है। खासतौर पर, गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और संतान गोपाल मंत्र का जप करने की सलाह दी जाती है।
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बरतें ये सावधानी
अकसर लोगों को सूर्य ग्रहण को देखने का शौक होता है, वो इसके गवाह बनना चाहते हैं। लेकिन, कभी भी इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास नहीं करना चाहिए। कई बार लोग इस सलाह को मजाक में उड़ा देते हैं, लेकिन यह आपकी आंखों के लिए बेहद ज़रूरी है। वैज्ञानिक तौर पर इसे नुकसान दायक माना गया है। ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाली तेज अल्ट्रावायलट रेडिएशन आंखों और शरीर को गहरा नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए आप जब भी ग्रहण को देखें तो दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर का इस्तेमाल कना न भूलें।