बीजेपी और कांग्रेस विधायकों ने जोरदार नारेबाजी चालू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने दोनों पक्षों की ओर से हो रहे हंगामा को शांत करने की कोशिश की लेकिन नारेबाजी बंद नहीं हुई। ऐसे में सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विधानसभाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने बाद में हंगामे के दौरान किए गए संवाद को कार्यवाही से पूरी तरह से विलोपित कर दिया।
यह भी पढ़ें: एमपी में कर्मचारियों को वेतन वृद्धि की सौगात, मंत्रियों ने कहा- जल्द होगी बढ़ोत्तरी शून्यकाल में कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर आस्था के केंद्र हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से पूरा दलित वर्ग आहत हुआ है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। सिंघार के इस बयान पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि सदन नियम और प्रक्रिया से चलता है। ऐसा कोई व्यक्ति जो सदन में अपना पक्ष नहीं रख सकता है, उसके बारे में यहां चर्चा नहीं की जा सकती। विजयवर्गीय ने कहा कि संसद में कही किसी भी बात का उल्लेख विधानसभा में नहीं किया जा सकता है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की आपत्ति का कांग्रेस पर कोई असर नहीं हुआ। सभी विपक्षी विधायक खड़े होकर जोरों से अपनी बात कहने लगे। इस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित पूरा सत्ता पक्ष खड़ा हो गया और कांग्रेस विधायकों को जवाब देने लगा। इस पर कांग्रेस विधायक आसंदी के पास चले गए तो मुख्यमंत्री मोहन यादव भी आसंदी के समक्ष आ गए। यहां दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। इसके बाद अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
बाद में सदन के बाहर भी हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने यहां भी नारेबाजी की। इधर संसदीय कार्य मंत्री और पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि किसी अन्य सदन में कही बात को विधानसभा में उठाना अनुचित है। उच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति के लिए कुछ बोलना है तो पूर्वानुमति जरूरी है। मंत्रियों ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को अपनी गलती के लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र सिंह तोमर ने मामले पर कहा कि सदन चर्चा के लिए है पर नियम-प्रक्रिया का पालन जरूरी है। किसी अन्य सदन या ऐसे व्यक्ति की चर्चा नहीं की जा सकती जो यहां जवाब देने नहीं आ सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को नियम, प्रक्रिया और मर्यादा का पालन करने की भी हिदायत दी।