मौसम विभाग की चेतावनी, कड़ाके की सर्दी से फसलों को नुकसान सजा सुनने के बाद भी नहीं मिली दंड
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि इन मामलों में कुल 11 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी हैं। हालांकि, अभी तक एक भी आरोपी को फांसी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्य पीठ जबलपुर में 3013, ग्वालियर में 631 और इंदौर में 1284 नाबालिग से दुष्कर्म के मामले लंबित है। इनमें 64 मामले ऐसे हैं जिनमे रेप के बाद हत्या की गई है, जबकि 6 मामलों में सम्बंधित ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है।
704 करोड़ की लागत से बनेगा 4-लेन, 3 राज्यों के लोगों को होगा फायदा कांग्रेस विधायक ने पुछा था ये सवाल
राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राजपुर सीट से कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सदन में सीएम मोहन यादव से सवाल पुछा था। उन्होंने पूछा था कि ‘जबलपुर उच्च न्यायालय, इंदौर खंडपीठ और ग्वालियर खंडपीठ में नाबालिग दुष्कर्म के कितने प्रकरण विचाराधीन है? इनमें वे प्रकरण अलग से बताया जाए, जिनमें नाबालिग दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रकरण भी शामिल हैं? उन्होने सवाल को आगे बढ़ाते हुए सीएम से पूछ कि ‘क्या इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बीते 1 साल में कोई निर्देश, आदेश जारी किए है? यदि हाँ, तो उसकी प्रमाणित प्रति दें।’ सीएम ने प्रश्न का जवाब 132 पेजों को पढ़कर दिया। उन्होंहे बताया कि ‘विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई और मुख्यमंत्री द्वारा कोई निर्देश आदेश जारी नहीं किए गए है।’