ई-रजिस्ट्री से लेकर साइबर तहसील तक सब कुछ ऑनलाइन होने जा रहा है। सुविधा के लिए मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल तैयार हो रहा है, जिसमें ये सुविधा मिलेगी। इसी के साथ नगर और ग्राम निवेश में किसी भी जमीन का लेआउट मंजूर करने की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी।
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दरअसल मध्य प्रदेश में राजस्व के मामलों में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आते हैं जिसके बाद जनता की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से दस्तावेजों का ऑनलाइन पोर्टल पर ही पंजीयन किया जा सकेगा। वहीं नामांतरण भी इसी से लिंक होगा। आरसीएमएस पोर्टल पर तहसील के सभी राजस्व मामलों को अपलोड किया गया है। इस सुविधा के बाद अब पटवारी की भूमिका खत्म हो जाएगी।