श्रीराम चंद्र न्यास के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को न्यास की पहली बैठक में राम वन गमन पथ पर मंथन किया। तय किया कि राम वन पथ गमन के 23 चिह्नित स्थलों का जल्द रोडमैप तैयार कर काम शुरू हो। परिक्रमा पथ पर क्या क्या- काम होने चाहिए इस पर चर्चा हुई। सीएम ने कहा कि मार्गों का विकास तो होगा ही उससे ज्यादा जरूरी है कि पहले मार्ग पर आने वाले श्रीराम से जुड़े स्थलों को विकसित किया जाए। पहले चित्रकूट का समग्र विकास अयोध्या की तर्ज पर किया जाए। कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया। समग्र विकास की कार्ययोजना तैयार कर अगली बैठक में पेश करने को कहा। न्यास की बैठक हर तीन माह में होगी। सीएम ने कहा कि राम से जुड़ी स्मृतियों का सालभर प्रचार किया जाएगा। जिला पर्यटन परिषद और अन्य विभागों को इसके लिए कार्ययोजना बनाने को कहा।
ऐसे जुटाएंगे राशि
इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान के तहत पहले चित्रकूट सहित चार नगरों को नामांकित किया। 500 करोड़ की योजना में पहले फेज में चित्रकूट नहीं था। एशियन डेवलपमेंट बैंक से मिली राशि में अभी 100 करोड़ रुपए बचे हैं। सीएम ने प्रपोजल को रिवाइज करने को कहा। एडीबी से राशि मांगेंगे। पुरानी शेष राशि और नई राशि मिलाकर 400 करोड़ से चित्रकूट का विकास होगा।
मप्र में राम वन गमन पथ के चार रूट
प्रदेश में राम वन गमन पथ के लिए 1450 किमी लंबो चार रूट प्रस्तुत किए। इनमें 632 किमी नेशनल हाइवे, 493 किमी म.प्र. सड़क विकास निगम, 47 किमी लोनिवि, 184 किमी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और 93 किमी की क्षेत्रीय सड़क शामिल होंगी। इनका उन्नयन होगा।
तैयार करें स्थल विकास के प्रस्ताव
बैठक में श्रीराम से जुड़े 23 स्थलों की जानकारी रखी गई। सीएम ने कहा कि राम पर शोध करने वाले विद्वानों की समिति बनाकर पहले स्थल का निर्धारण करवा लें, ताकि स्थलों को लेकर विवाद की स्थिति न बने। अगली बैठक में इन स्थलों को विकसित करने के प्रोजेट रखे जाएं, लेकिन सबसे पहले चित्रकूट के समग्र विकास का रोड मैप तैयार किया जाए।