MUST READ : Twitter Talks: क्या जनेऊधारी ब्राह्मण राहुल गांधी भी पात्र होंगे 10 प्रतिशत आरक्षण में… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार से सबक लेते हुए सवर्ण आंदोलन के रूप में एक ऐसा चुनावी दांव चला जिसने एक बार फिर उन्हें हर दिल अजीज बना दिया। विपक्ष भी उनके इस दांव के आगे नतमस्तक हो गया और बिल दो तिहाई बहुमत से संसद के दोनों सदनों में पास हो गया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही गरीब सवर्णों को भी 10 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा।
बिल के राज्यसभा में पास होने की जानकारी सामने आते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित विभिन्न जिलों के लोगों ने इसका स्वागत किया। राज्यसभा में भी इस बिल का पास होना ये दर्शाता है कि इसके विरोध में कोई भी नहीं है। यानि सब मानते है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर हो। ऐसे में इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।
– एचएस व्यास, निवासी भोपाल
शानदार काम हुआ कई मामलों को लेकर आशंका थी, कि कोई दल विरोध करेगा तो राज्यसभा में अटक जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दलों ने गजब की एकता का परिचय दिया।
– पीके सिंह, निवासी इंदौर
हर पार्टी इसके विरोध से होने वाले नुकसान को जानती है, और चुनाव से पहले कोई भी इसके चलते नुकसान नहीं उठाना चाहती है। केंद्र सरकार की ऐसे समय ये चाल चली की सब फंसे हुए है चाहकर भी विरोध की स्थिति में नहीं हैं, वरना नुकसान पक्का है। ये वहीं स्थिति है जो एट्रोसिटी एक्ट के समय लाई गई थी, जिसका विरोध करना किसी भी पार्टी के लिए चुनाव से पहले हानिकारक हो सकता था। अब ये कब से लागू होता है ये तो देखने वाली चीज है।
– डीके शर्मा, राजनीति के जानकार
आरक्षण का फायदा चाहिए तो तैयार रखें ये दस्तावेज…
1 आधार कार्ड: आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने की पहचान है। इसे नौकरी में अनिवार्य कर दिया गया है।
2 पैन कार्ड: वर्तमान में पैन कार्ड भी सभी नौकरी और सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
3 आय प्रमाण-पत्र: आरक्षण आर्थिक आधार पर है इसलिए माता-पिता की आय का प्रमाण-पत्र बनवाना होगा।
संविधान संशोधन बिल… केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि संविधान संशोधन बिल होने के बावजूद इसे देश के आधे राज्यों की विधानसभाओं से पास कराने की जरूरत नहीं है। कुछ विपक्षी सदस्यों ने इस पर सवाल उठाए। लेकिन कि इस तरह के बिल, जिसमें राज्यों के अधिकार क्षेत्र का हनन नहीं होता या उनके अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं होता, उन्हें राज्यों की विधानसभाओं से पास कराने की जरूरत नहीं होती।
बिल पर बहस के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आदि दलों ने इस विधेयक को पेश करने के समय पर सवाल उठाया और इसे राजनीति से प्रेरित कदम करार दिया। सरकार के मंत्रियों ने सभी आलोचनाओं को खारिज करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया।
सरकारी नौकरियों में कोटा
राज्यसभा में बिल पर बहस के दौरान कुछ विपक्षी दलों के विरोध पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जनरल कैटिगरी के गरीबों को 10 पर्सेंट आरक्षण केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारी नौकरियों पर लागू होगा। राज्यों को अधिकार होगा कि वे इस आरक्षण के लिए अपना आर्थिक क्राइटेरिया तय कर सकें। इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए प्रसाद ने कहा कि यह मोदी सरकार का मैच जिताने वाला-छक्का है।
पीएम मोदी ने जताई खुशी…वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवर्ण आरक्षण बिल के राज्य सभा में पास होने पर खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बिल को जिस तरह का व्यापक समर्थन मिला वह देखकर अच्छा लगा। सदन में एक अच्छी बहस देखने को मिली।
मोदी सरकार को इस बिल के पास होने से होंगे यह 10 बड़े फायदे…
1. मोदी की छवि : संसद के दोनों सदनों में बिल पास होते ही देश में मोदी की लोकप्रियता एक बार फिर तेजी से बढ़ेगी। एक समय ऐसा लगने लगा था कि मोदीजी की लोकप्रियता में कमी आ रही है, सहयोगी दल भी कटने लगे थे लेकिन सवर्ण आरक्षण बिल पास होने से एक बार फिर उनकी छवि मजबूत हुई है।
2. लोकसभा चुनाव में लगभग 100 सीटों पर फायदा :
उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सर्वमान्य नेता के तौर पर उभरेंगे। गरीब सवर्ण उन्हें हाथोहाथ लेंगे। आगामी चुनाव में मोदी और भाजपा को लगभग 100 सीटों पर इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। 3. सवर्ण को साधा : मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली करारी हार की एक वजह सवर्णों की नाराजगी भी बताई जा रही थी। यह सवाल भी पूछा जा रहा था कि मोदी ने अपने इस परंपरागत वोट बैंक के लिए क्या किया? अब पीएम मोदी के पास इस सवाल का एक ऐसा जवाब है, जिसने सभी को लाजवाब कर दिया। इससे सवर्णों की एससी एससी एक्ट पर नाराजगी भी दूर होगी।
4. गरीबों पर डाले डोरे : मोदीजी और भाजपा ने इस बिल के माध्यम से गरीबों को दिल जीत लिया है। भले ही इन लोगों को नौकरी मिले या नहीं मिले, यह अलग प्रश्न है लेकिन यह कदम उठाकर मोदी उनके सबसे प्रिय नेता जरूर बन गए हैं।
5. कांग्रेस चारों खाने चित्त : मोदीजी के इस चुनावी दांव ने कांग्रेस को चारों खाने चित्त कर दिया। वह न तो लोकसभा में इस बिल का विरोध कर पाई और न राज्यसभा में। इस तरह प्रधानमंत्री ने मात्र तीन दिन में आरक्षण रूपी हथियार से कांग्रेस को पस्त कर दिया।
6. मोदी बनाम विपक्ष : अब भाजपा आगामी आम चुनावों में मोदी बनाम विपक्ष का रूप देगी। चूंकि इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा मोदीजी को ही होना है ऐसे में विपक्ष के सामने उन्हें चुनौती देना आसान भी नहीं होगा।
7. बड़ी उपलब्धि : यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा इस भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। पार्टी इसे सामाजिक न्याय की जीत भी बता रही है।
8. 95 फीसदी लोगों को साधा : कहा जा रहा है कि मोदी सरकार के इस कदम से देश के 95 फीसदी लोगों को फायदा होगा। यह लोग आगामी चुनाव में मोदीजी और भाजपा पर भरोसा दिखा सकते हैं। इस तरह सरकार ने न सिर्फ इन लोगों का दिल जीता बल्कि इनके वोटों पर भी नजर गढ़ा ली है।
9. नकारात्मक असर को कम करने में सफलता : मोदी की लोकप्रियता तेजी से कम हो रही थी। इस बिल के पास होने से लोगों में उनके प्रति नाराजगी कम होगी। भाजपा कार्यकर्ता भी अब नए जोश के साथ जनता में अपने कामों को गिनाकर माहौल को एक बार फिर ‘मोदीमय’ बना सकते हैं।
10. 2019 चुनाव के लिए सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक : 2019 के चुनावों के लिए इसे मोदीजी का सबसे बड़ा ‘मास्टर स्ट्रोक’ बताया जा रहा है। अब मोदी विपक्ष पर ज्यादा करारे हमले कर सकेंगे। वह जनता को यह भी बताने का प्रयास कर सकते हैं कि आरक्षण पर कांग्रेस जो 60 साल में नहीं कर पाई, हमने मात्र 5 साल में कर दिखाया।