गौरतलब है कि ग्रीन जोन का मतलब संक्रमण मुक्त से है। अब भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी में भी अन्य कॉलोनियों की तरह आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी। साथ ही यहां के लोग अब राशन और सब्जी जैसी जरूरत के सामान के लिए घरों से बाहर निकल सकेंगे। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा, इस दौरान भीड़ इकट्ठा करने की इजाजत नहीं होगी।
बता दें कि राजधानी भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी वह इलाका है, जहां सबसे पहले कोरोना वायरस का मरीज मिला था। लंदन से आई एक युवती को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी, इसके बाद युवती के संपर्क में आने से पत्रकार पिता को भी कोरोना संक्रमण हो गया था। कोरोना मरीज की पुष्टि होने के बाद इस इलाके को एहतियात के तौर पर कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया था।
गौरतलब है कि लगभग दो सप्ताह पहले ही दोनों लोग कोरोना की जंग जीतकर सकुशल घर आ चुके हैं। मरीजों के ठीक होने के बाद भी प्रशासन ने एहतियात के तौर पर प्रोफेसर कॉलोनी को कंटोनमेंट जोन बनाए रखा था और 28 दिन में जब कोई अन्य कोरोना मरीज नहीं मिला तो अब इसे फ्री जोन घोषित कर दिया गया।