हालांकि, ठगी का ये तरीका सभी पर लागू नहीं होता। जालसाज ऐसे लोगों को खोजते हैं, जिनके घर का कोई न कोई सदस्य लापता हो। इसके बाद गुमशुदा का पता बताने के नाम पर वो पीड़ित रिश्तेदार से मुंह मांगी रकम की डिमांड करते हैं और उस रकम को अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेते हैं। रुपए मिलते ही इन जालसाजों का फोन बंद आने लगता है।
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-पहला मामला राजधानी
भोपाल से ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें गुमशुदा के नाम पर ठगी हुई है। पहले मामले में 3 दिन पहले घर से लापता हुए युवक के भाई से पैसे ठगे गए हैं। बदमाशों ने लापता व्यक्ति के परिजन को फोन किया और गुमशुदा का पता बताने के नाम पर अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाए। लापता युवक पिता की डांट से नाराज होकर नागपुर चला गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद खुद वापस लौट आया।
-दूसरा मामला दूसरे मामले में 12 साल के बच्चे का पता बताने के नाम पर 5 हजार खाते में डलवाए। जालसाजों ने दावा किया कि वह जम्मू में देखा गया है। लेकिन अगले दिन वह शहर में घूमता हुए मिला।बताया जा रहा है कि बदमाश सोशल मीडिया से किसी के गुम होने की सूचना जुटाते हैं। फिर परिजनों से संपर्क कर युवक के मिलने का झांसा देते हैं। पैसे नहीं देने पर वे गुमशुदा व्यक्ति को पुलिस के हवाले करने की धमकी देते हैं।