इसी के साथ एसपी ऑफिस में बनाई जाने वाली सेल में साइबर एक्सपर्ट भी रखे जाएंगे। जो शिकायत मिलते ही जरूरी कदम उठाएंगे। साइबर अपराध में सबसे बड़ी चुनौती पुलिस के सामने यह भी है कि अपराधी समय-समय पर अपने ठगी के तरीकों को बदलते रहते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक हर तीन से चार साल में ठगों के ठगी का तरीका बदलता है। लिहाजा इससे भी निपटने के लिए पुलिस एक ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार कर रही है। जिसका प्रशिक्षण नीचे से लेकर उच्च स्तर तक के पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा। और यह ट्रेनिंग मॉड्यूल समय-समय पर बदलता भी रहेगा।
पेचीदा मामले में जानकार की जरूरत पडऩे पर किया जाता है पत्राचार
साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की पड़ताल के लिए अभी पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में बनी साइबर सेल से थानों को मदद दी जाती है। यदि कोई ज्यादा पेचीदा मामला सामने आता है, जिसमें विशेषज्ञ की जरूरत पड़ती है तो वरिष्ठ अधिकारियों से पत्राचार कर एक्सपर्ट की मदद ली जाती है। इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। इससे ठगों को गिरफ्त में आने से बचने का भी मौका मिल जाता है। यही वजह है कि अब जिलों में एक्सपर्ट रखे जाएंगे।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
नई प्लानिंग में एसपी ऑफिसों में एडवांस टेक्निकल सेल तैयार किया जाएगा। जहां साइबर के मामलों में जरूरी सभी सॉफ्टवेयर के साथ अन्य तकनीकी जरूरतें पूरी की जाएंगी। इसी के साथ एक ट्रेनिंग मॉड्यूल भी तैयार होगा। जिससे सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।