इसलिए जरूरी इस समय गोविंदपुरा के साथ शहर से 20- 25 किमी की दूरी में पांच अन्य औद्योगिक क्षेत्र हैं। शहर से दूरी और अधोसंरचना की कमी की वजह से यहां तेजी से उद्योग विकसित नहीं हो पाए।शहरवासियों को निजी कंपनियों के अलावा कोई और कार्यस्थल नहीं हैं। भेल, गोविंदपुरा की इकाइयों की रोजगार देने की क्षमता उच्चतम स्तर है। ऐसे में नए छोटे नए क्षेत्र में एक 300 लोगों को भी रोजगार देता है तो फिर 60 हजार लोगों के लिए नए रोजगार के रास्ते खुल जाएंगे।
…तो फिर हर वार्ड में होंगे उद्योग
भोपाल शहर नगर निगम की 462 वर्ग किमी के दायरे वाली सीमा में है। 85 वार्ड में करीब 23 लाख की आबादी रहती है। प्रशासन व उद्योग विभाग की योजना कारगर होती है तो यहां हर वार्ड में एक से अधिक औद्योगिक क्षेत्र बन सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर या फिर पांच से सात गांवों के बीच में एक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा सकता है।
सराकार की निवेश योजना का मिलेगा लाभ
सरकारी भोपाल समेत प्रदेशभर में नए निवेश का लाने की कवायद कर रही है। हाल में अचारपुरा में जर्मन कंपनी का बडा निवेश आया है। छोटे निवेश वाली व स्थानीय कंपनियों के लिए छोटे औद्योगिक क्षेत्र बडे अवसर के तौर पर होंगे, जो लोग छोटे स्टार्टअप करना चाहते हैं। उनके लिए ये छोटे औद्योगिक क्षेत्र बड़ी राहत देंगे। एक्सपट्र्स का कहना है कि जिले में उद्यम खुलने का एक नया माहौल बनेगा।
ऐसे शहर उभर रहा उद्योग में
मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र– यह भोपाल से लगभग 20 किमी दूर स्थित है। राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। यहां विभिन्न प्रकार के बड़े उद्योग, जैसे कि वाहन निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थित हैं। गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र- यह भोपाल के अंदर स्थित एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है। यहां 1200 से अधिक छोटे और मध्यम उद्योग हैं। यहां मशीनरी, ऑटोमोबाइल पाट्र्स, और ह्रश्वलास्टिक उत्पाद बनाने वाले उद्योग प्रमुख हैं।
बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र– यह भोपाल के पास स्थित एक नया औद्योगिक क्षेत्र है, जिसे नए उद्योगों के विस्तार के लिए विकसित किया जा रहा है। अचापुरा- शहर से करीब 30 किमी दूर बैरसिया रोड स्थित इस औद्योगिक क्षेत्र में अभी 700 करोड़ रुपए का टर्नओवर है। इसे हाइवे के माध्यम से विकसित करने की कोशिश।
अवधपुरी और अन्य छोटे औद्योगिक क्षेत्र– भोपाल के आसपास और भी कई छोटे औद्योगिक क्षेत्र हैं।
हर 10-15 किमी में उद्योग तो रखें ध्यान
रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी वीके चतुर्वेदी के अनुसार जिले में 200 औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे तो इसमें तय करना होगा कि प्रदूषण व स्वास्थ्य के लिए खतरनाक न हो। खतरनाक श्रेणी के उद्यम को औद्योगिक क्षेत्र में तय करें। कहीं भी औद्योगिक क्षेत्र तय करने से पहले संबंधित क्षेत्र के लोगों के सुझाव व मंजूरी की प्रक्रिया भी जरूर पूरी करें, ताकि भविष्य में दिक्कत न हो।
तलाशी जा रही हैं उद्योग की नई संभावनाएं
जिले में उद्योग की नई संभावनाएं तलाशी जा रही है। छोटे औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी विचार किया जा रहा है। – चंद्रमौली शुक्ला, एमडी, उद्योग विकास निगम