जब शर्मिला नहीं आ पाती तो उनकी बड़ी बेटी सबा अली औकाफ-ए-शाही के पेंडिंग कामों को निपटाने के लिए अक्सर भोपाल आती रहती हैं। नवाब पटौदी की 5000 करोड़ से भी अधिक संपत्ती की मालकिन अब उनकी पत्नी शर्मिला टैगोर हैं।
क्रिकेट की दुनिया नाम कमाने वाले नवाब मंसूर अली खान पटौदी का इंतकाल 22 सितंबर को हुआ था। उनकी पुण्यतथि पर mp.patrika.com आपको बताने जा रहा है उनसे जुड़े रोचक किस्से, जो आज भी याद किए जाते हैं…।
भोपाल रियासत के नवाब की यह वही प्रापर्टी है, जो आज विवादों में है। इस फ्लैग हाउस की कीमत 100 करोड़ रुपए से भी अधिक है। इसके अलावा इस कोठी में नवाब के समय के कई एंटीक साजो-सामान भी हैं।
यह है रॉयल पटौदी पैलेस
पटौदी के शाही खानदान की इस प्रॉपर्टी की कीमत 800 करोड़ रुपए आंकी गई है। अब इसे हेरिटेज होटल बना दिया गया है। यहां है शाही निवास
भोपाल के कोहेफिजा में शाही निवास है। इसके एक हिस्से में कॉलेज बन गया है और दूसरे भाग में नवाब के वारिसों का स्कूल चलता है। इस संपत्ति की कीमत अरबों रुपओं में आंकी गई है।
प्रापर्टी में है ये दरगाह और मस्जिद
भोपाल के नवाबकालीन इस मस्जिद और दरगाह की संपत्ति की देख-रेख एक ट्रस्ट करता है। इसे औकाफ-ए-शाही बोला जाता है। मक्का और मदीना की धर्मशाला का जिम्मा भी यही ट्रस्ट संभालता है। यह भी नवाब की खुद की प्रापर्टी है।
नवाब पटौदी की तीन संतान हैं। बड़ा बेटा सैफ, सबा और सोहा तीसरे नंबर की है। दिल्ली में सबा का 41 साल पहले जन्म हुआ था। वह फैशन डिजाइनर भी है। सैफ अली खान की पत्नी बनने के बाद करीना कपूर भी पटौदी परिवार में शामिल हो चुकी थी।
भोपाल के आसपास सैकड़ों एकड़ जमीन
नवाब की भोपाल सहित आसपास, रायसेन, सीहोर जिलों में सैकड़ों एकड़ जमीन है। नवाब खानदान के पास अभी भी 2700 एकड़ जमीन है। रिश्तेदारों में विवाद की वजह से कई जमीनों पर मुकदमे चल रहे हैं। कई जमीनें आज भी पटौदी खानदान के कब्जे में है।
औकाफे शाही की संपत्ति है आरिफ नगर
बाग नुजहत अफजा (आरिफ नगर) की भूमि को संस्था की बताते हुए सबा ने कहा था कि यहां से अवैध कब्जा हटाने के हाईकोर्ट से आदेश हो गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करने से बच रहा है। लिहाजा, हाईकोर्ट में दोबारा कब्जा हटवाने की अपील की जा रही है।
रायसेन जिले में नवाब की शिकारगाह थी। वहीं तालाब के किनारे स्थित इस चिकलोद कोठी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। यह कोठी इसलिए भी खास है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू यहीं रुकना पसंद करते थे। कोठी के चारों तरफ हरे-भरे जंगल और तालाब उन्हें बहुत पसंद था। पं.नेहरू यहां प्रोटोकॉल तोड़कर यहां आ जाते थे। वे भोपाल नवाब हमीदुल्ला खां की पत्नी मैमूना सुल्तान के कहने पर अक्सर यहां रुकना पसंद करते थे।
1917 से 1952 इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दिकी पटौदी रियासत के 8वें नवाब थे। इफ्तिखार क्रिकेटर भी थे। वे पहले इंग्लैंड टीम की तरफ से खेले थे। उसके बाद भारतीय टीम के कप्तान भी बने। इफ्तिखार के इंतकाल के बाद पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली खां पटौदी बन गए, जिन्हें सब टाइगर पटौदी के नाम से भी जानते हैं। वे भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने। 22 सितंबर 2011 को मंसूर अली खां पटौदी ने फेफड़ों की बीमारी के बाद अंतिम सांस ली थी।
आयशा नाम है शर्मिला का
यह बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि नवाब मंसूर अली खां पटौदी की पत्नी का नाम आयशा सुल्तान है। इस्लाम धर्म कबूलने के बाद फिल्म एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर का नाम बदल दिया गया था।
हरियाणा केगुड़गांव से 25 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में बसे पटौदी रियासत का इतिहास 200 साल पुराना है। पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली उर्फ टाइगर के इंतकाल के बाद 2011 में उनके बेटे सैफ अली खान को 10वां नवाब बना दिया गया।
हरियाणा प्रदेश के पटौदी पैलेस में अक्सर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग होती है। अब तक यहां मंगल पांडे, वीर जारा, रंग दे बसंती और लव जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है।
नवाब मंसूर अली खां पटौदी के इंतकाल के बाद उन्हें महल परिसर में ही दफना दिया गया था। यहीं पर उनकी कब्र के पास दादा-दादी और पिता की भी कब्र है। उन्हीं के पास दफनाने की अंतिम इच्छा व्यक्त की थी।