तेरह विधायक अपने यहां स्टेडियम बनाने के लिए 7 से 10 एकड़ तक जमीन नहीं दिला पाए। आधा दर्जन गांवों में जो जमीन स्टेडियम के लिए चिंहित अथवा आवंटित की गई है, उसे पहले से ही किसी न किसी कार्य के लिए आरक्षित कर रखा है। इसके चलते स्टेडियम का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया। विधायकों ने रुचि नहीं ली तो पंचायतों ने नए सिरे से स्टेडियम बनाने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव नहीं भेजा। सरकार ने भी पुराना प्रस्ताव निरस्त कर दिया है।
– इंद्रेश ठाकुर, संयुक्त संचालक, पंचायती राज संचालनालय