भोपाल में कोई दो दर्जन स्थानों पर फूलों की बड़ी दुकानें लगाई जाती हैं। न्यू मार्केट, बिट्टन, बोर्ड ऑफिस, नादरा, शब्बन चौराहा के ऐसे मार्केट हैं जहां फूलों की कई बैरायटी महाराष्ट्र, छिंदवाड़ा तो कुछ विदेशों से भी आती हैं। पिछले वर्ष महाराष्ट्र में लॉकडाउन के कारण फूल नहीं आने और मार्च में कोरोना शुरू होने के बाद आस-पास किसानों ने कम गेंदा किया था। इस कारण आवक कम होने से फूल काफी महंगा बिका, लोगों ने भी कम खरीदा था। इस बार वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण कम होने का असर ये रहा कि पिछले वर्ष की भरपाई करने किसान ने दो से तीन बीघा तक में गेंदा ही लगा दिया। उससे बड़ी बात ये कि इस गेंदे की आवक धनतेरत की रात और छोटी दीपावली की सुबह चार बजे से मंडी में शुरू हो गई। पहले दीपावली पर कोई 500 से 600 टन फूलों की खपत होती थी, इस बार 700 से 800 टन हुई है।
मंडी में फूल रखने की जगह नहीं बची
व्यापारी कमल सैनी, सुनील माली और धर्मेंद्र सैनी ने बताया कि छोटी दीपावली की सुबह से मंडी में फूल रखने की जगह नहीं बची थी। हर आधे घंटे में रेट गिर रहे थे। फुटकर खरीददार भी फूल आता देख मोल भाव ज्यादा करने लगे। स्थिति ये हो गई 12 किलो फूलों का बोरा दीपावली की दोपहर तक दो सौ रुपए पर आ गया। इस कारण लगातार रेट घटते रहे।
बाकी फूलों के रेट की स्थिति – सफेद संवंति- 200 से 300 रुपए किलो
– गुलाब-400 से 500 रुपए प्रति किलो – कमल का फूल ऑरिजनल 200 रुपए तक बिका, बाकी जगह 50
– महाराष्ट्र और छिंदवाड़ा से आता है बुके का बड़ा फूल, रेट 500 रुपए केजी
– इस बार खपत का अनुमान-700 से 800 टन