इसके अंर्तगत कंपनियों को यात्रियों द्वारा अधिक शुल्क देने अथवा किसी भी प्रकार की शिकायत के निराकरण के बाद किराया रिफंड करने की स्थिति में जबरदस्ती डिस्काउंट कूपन जारी करने की अनिवार्य शर्त को बंद करना होगा। ओला उबर कंपनियों को निर्देशित किया है कि इस प्रकार के प्रकरण में सुनवाई करने के बाद यदि रिफंड करने की स्थिति निर्मित हो रही है तो वह पहले अपने पैसेंजर से विकल्प के बारे में चर्चा करेंगे।
व्यवस्था की गई है
प्राइवेट कैब संचालन पॉलिसी में शिकायतों के निराकरण की व्यवस्था है। केंद्रीय एजेंसी के इस निर्णय को शहर में अनिवार्य रूप से लागू कराया जा रहा है। –जितेंद्र शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पैसेंजर यदि रिफंड नगद राशि के रूप में चाहता है तो उसके बैंक खाते में यह राशि वापस करना होगी। यदि पैसेंजर आगे की यात्राओं के लिए डिस्काउंट कूपन दिए जाने की अनुमति देता है तभी कंपनियां अपने पैसेंजर को रिफंड की राशि डिस्काउंट कूपन के रूप में दे सकेंगी।
वर्तमान में यह देखा जा रहा था कि ड्राइवर की शिकायत करने या गलत स्थान पर ड्रॉप करने या ज्यादा किराया वसूल करने की शिकायत का निराकरण करने के बाद प्राइवेट कैब कंपनी अपने पैसेंजर को नगद राशि वापस नहीं करती हैं। इसकी बजाए उन्हें जबरदस्ती डिस्काउंट कूपन लेने के लिए राजी करती हैं। इस मामले की शिकायत सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी में हुई थी इसके बाद व्यवस्था बनाई है।