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मध्य प्रदेश के निवासी जो अन्य राज्यों में हैं
अन्य राज्यों के हॉटस्पॉट जिलों से प्रदेश के जिलों में आने की व्यवस्था पहले नहीं थी। लेकिन अब मध्य प्रदेश के निवासी जो अन्य राज्यों के हॉटस्पॉट जिलों में फंसे हुए हैं वो भी पास के लिए मैप आईटी पोर्टल http://mapit.gov.in/covid-19 पर वाहन पंजीयन क्रमांक समेत आवेदन करके पास हासिल कर सकेंगे। इसमें ये बात जानना जरूरी है कि, ये पास सिर्फ एक बार ही अन्य राज्यों से मध्य प्रदेश में आने के लिए जारी किये जाएंगे। यानी इस पास व्यवस्था का इस्तेमाल प्रदेश में बार बार आवागमन के लिए नहीं किया जा सकेगा।
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प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे प्रदेशवासी
पहले के आदेश में इंदौर, उज्जैन, भोपाल, धार, खंडवा और खरगोन जिलों से अन्य जिलों के लिए सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी, मृत्यु और विवाह के लिए ही ई-पास देने की व्यवस्था की गई थी। इसमें शिथिलता देते हुए अब इन जिलों से भी अन्य जिलों की तरह कलेक्टर द्वारा प्रदेश के अंदर और अन्य जिलों में यात्रा की अनुमति दी जाएगी। लेकिन ये अनुमति सिर्फ एक बार के लिए ही होगी, ताकि इस व्यवस्था का दुरुपयोग न हो।
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ये होगी व्यवस्था
बता दें कि, जिस जिले में ये अनुमति दी जा रही है। साथ ही, जिस जिले के लिए ये अनुमति पास दिया जा रहा है, वो सारी जानकारी मेप आईटी के पोर्टल पर संबंधित जिलों को दिखाई देती है। इसका इस्तेमाल कर वो जिलों में आने वाले नागरिकों का चिकित्सीय परीक्षण करवाने के बाद अगर संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर अनिवार्य रुप से 14 दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन और संदिग्ध पाए जाने पर होम क्वारंटीन करवाया जाएगा। इस ई-पास व्यवस्था का लाभ लेकर अन्य प्रदेशों की आवाजाही करने वाले यात्रियों को आरोग्य सेतु /सार्थक एप डाउनलोड करना होगा।