सूत्रों के मुताबिक शिवराज सरकार चुनाव से पहले हजारों बुजुर्गों को अयोध्या के दर्शन कराने की तैयारी में है। इसी यात्रा के साथ पुरानी तीर्थ दर्शन योजना दोबारा शुरू करने की तैयारी है। राजनीतिक गलियारों में यह भी माना जा रहा है कि इसी बहानें भाजपा सरकार अपने चुनावी सफर की भी शुरुआत कर देगी।
बताया जा रहा है कि धर्मस्व विभाग के अफसरों की चर्चा रेलवे विभाग के अधिकारियों के साथ हो चुकी है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर आइआरसीटीसी ने ट्रेन चलाने पर अपनी सहमति भी दे दी है।
मंत्री मोहन यादव ने मीडिया से कहा है कि कोरोनाकाल में बंद पड़ी इस पुरानी योजना को दोबारा शुरू करने की तैयारी है। प्रदेश में आखरी यात्रा जनवरी 2020 को हुई थी। इसके बाद देशभर की ट्रेनें बंद होना शुरू हो गई थी।
यहां पढ़ें पूरी डिटेल, ऐसे करें आवेदन
क्या है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
मध्यप्रदेश शासन ने जून 2012 में इस योजना का शुभारंभ किया है| इस योजना में प्रदेश के वरिष्ठ नागरिको जिनकी आयु 60 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, देश के चिन्हित तीर्थ स्थलों में से किसी एक तीर्थ स्थल की नि: शुल्क यात्रा कराई जाती है| यात्रीयो को विशेष रेल से यात्रा, खाने – पीने की सामग्री, रुकने की व्यवस्था, जहाँ आवश्यक हो बस से यात्रा, गाइड व् अन्य सुविधाएँ मध्यप्रदेश शासन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग से अनुबंधित इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा उपलब्ध करायी जाती है|
इन स्थानों के लिए होती है यात्रा
बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ. वैष्णोदेवी, शिर्डी, तिरुपति, अजमेर शरीफ,काशी (वाराणसी), गया, अमृतसर, रामेश्वरम्, सम्मेद शिखर, श्रवणबेलगोला, वेलाकानी चर्च (नागपट्टनम), श्री रामदेवरा, जेसलमेर, गंगासागर, कामाख्या देवी, गिरनार जी, पटना साहिब, इसके साथ ही उज्जैन, मैहर, श्री रामराजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मुडवारा। इनके अलावा रामेश्वरम् – मदुरई, तिरुपति– श्री कालहस्ती, द्वारका– सोमनाथ, पूरी– गंगासागर, हरिद्वार–ऋषिकेश, अमृतसर–वैष्णोदेवी, काशी– गया शामिल है।