scriptMP Tourism: सर्दियों में एक बार जरूर घूमें ‘ओरछा’, एमपी के मिनी आईलैंड में हो जाएंगे कूल | Patrika News
भोपाल

MP Tourism: सर्दियों में एक बार जरूर घूमें ‘ओरछा’, एमपी के मिनी आईलैंड में हो जाएंगे कूल

MP Tourism : अगर आप भी इस मानसून सीजन में ओरछा जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो mp patrika.com पर हम आपको बता रहे हैं ओरछा के ऐसे बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेज के बारे में जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए…

भोपालDec 05, 2024 / 05:45 pm

Sanjana Kumar

Orchha
MP Tourism: बुंदेला राजशाही की कहानियां और किस्से सुनाता मध्य प्रदेश का ओरछा ठंड के इस सीजन में घूमने के लिए बेस्ट टूरिस्ट प्लेस है। वास्तुकला के नायाब नमूने यहां के महल, किले, बाग और जंगल मानसून की बारिश में धुलकर नए हो जाते हैं, भीड़-भाड़ और शोर से दूर शांति और सुकून की जगह है राम राजा नगरी ओरछा।
16वीं शताब्दी में बेतवा नदी के किनारे बसाया एक छोटा सा कस्बा, जो आज भी बुंदेला महाराजा रूद्र प्रताप सिंह के शासन काल की गौरव गाथा कहता नजर आता है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रंगों के बीच यहां के प्राकृतिक नजारे टूरिस्ट का दिल जीत लेते हैं। अगर आप भी ठंड के मौसम में ओरछा जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो mp patrika.com पर हम आपको बता रहे हैं एमपी के मिनी आइलैंड ओरछा (Orchha) की ऐसी बेस्ट टूरिस्ट साइट्स (Best Tourist Sites ) के बारे में जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए…
MP Tourism: मानसून में स्वर्ग बन जाती हैं MP की ये 5 जगह, शिमला, मनाली, गोवा, लोनावला भी हैं फेल

जानें क्यो घूमें ओरछा

मानसून सीजन में प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी ओरछा कि सुंदरता देखते बनती है। एक छोटे से टापू पर बसे महल और किले इन दिनों में इसकी खूबसूरती को दोगुना कर देते हैं। वहीं ठंड के सीजन में भी घूमने का मजा लेने यहां हर साल लाखों टूरिस्ट पहुंचते हैं। गौरवशाली इतिहास से संपन्न ओरछा के प्राकृतिक नजारे देखकर टूरिस्ट का मन नहीं भरता। यही कारण है कि मध्य प्रदेश के टॉप 5 टूरिस्ट प्लेस में ओरछा का नाम शामिल है।

ओरछा में देखने के लिए क्या?

ओरछा का किला (Orchha Fort)

यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार ओरछा ऐतिहासिक स्मारकों के लिए जाना जाता है। ओरछा का किला…. यहां पहुंचकर आप जहां नजर घुमाओं वहां दूर-दूर तक पानी और हरियाली के नजारे दिल जीत लेते हैं। दरअसल ओरछा का किला बेतवा नदी के आइलैंड पर स्थित है।
Orchha fort
यहां किले के साथ ही आपको मंदिर और की हिस्टॉरिकल प्लेस देखने को मिल जाएंगे। किले में दीवारों और छतों पर उंकेरे गए भित्ती चित्र और कलाकृतियां बेहद अट्रैक्ट करती हैं। यहां स्थित जहांगीर महल, राय प्रवीण महल और राज महल की वास्तुकला ऐसी है कि एक बार नजर पड़े तो देर तक टूरिस्ट उन्हें निहारते रह जाते हैं।
bhopal tourism: MP News: ये है एमपी का रहस्यमयी ‘जल महल’, रानी कमलापति ने यहीं ली थी जल समाधि
bhopal tourism: मानसून में भोपाल की खूबसूरती देख आप भी हो जाएंगे दीवाने, देखें PHOTOS

राजा महल (Raja Mahal)

ओरछा का राजा महल भी कलात्मक वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। यहां दीवारों और छतों पर बने भित्ती चित्रों में भगवान विष्णु का दशावतार रूप, भगवान कृष्ण का एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाने का दृश्य, राम दरबार में हनुमान, समुद्र मंथन, महाभारत के कई दृश्य टूरिस्ट को अट्रैक्ट करते हैं।
एक और आकर्षक चित्र चुंगुल का है, जो हाथी के सिर और शेर के शरीर वाला एक पौराणिक प्राणी है। इस दृश्य में आमतौर पर एक मोर प्राणी के सिर पर वार करता हुआ दिखाई देता है। इस महल में स्थित कुएं और बावड़ियां बारिश के सीजन में पानी से लबालब हो जाते हैं। इनसे पता चल जाता है कि प्राचीन काल से ही हमारे देश में जल संरक्षण के तरीके अपनाए जाते रहे हैं।
MP Tourism: एमपी में एक नहीं दो-दो Beach, मानसून में यहां आकर मुंबई-गोवा को भूल जाएंगे आप

चतुर्भुज और राजा राम मंदिर (Chaturbhuj and Raja Ram Temple)

ओरछा के इस प्राचीन मंदिर की अपनी एक रोचक कहानी है। एक किंवदंती के मुताबिक चतुर्भुज मंदिर का निर्माण मधुकर शाह ने अपनी रानी गणेश कुंवरी के लिए तब करवाया था जब, रानी के सपनों में भगवान राम ने उन्हें मंदिर बनाने का निर्देश दिया था। रानी अयोध्या से भगवान राम की मूर्ति ले आईं और महल में रख दी।
लेकिन भगवान राम के लिए बनाए गए मंदिर के गर्भगृह में स्थापना करने के लिए जब मूर्ति उठाने की कोशिश की गई तो कोई मूर्ति को हिला भी नहीं सका। तब मंदिर का गर्भगृह खाली रह गया। तब से भगवान राम की प्रतिमा महल में ही स्थापित हो गई। महल में बना भगवान राम का ये मंदिर राम राजा के नाम से मशहूर हो गया। पूरे देश में ये एक अकेला ऐसा मंदिर है, जहां राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। वहीं चतुर्भुज मंदिर कहानी और किंवदंती का हिस्सा बनकर रह गया।
orchha

ये भी पढ़ें: ORCHHA में श्रीराम-जानकी की हल्दी-तेल रस्म आज, 60 हजार मेहमानों के लिए बन रहे पकवान

बेतवा नदी का किनारा (Bank of Betwa River)

मानसून सीजन में बेतवा नदी के किनारे पर घूमना आपको रीफ्रैश फील कराएगा। आसपास पसरी हरियाली और यहां के महल, किले आपकी इस सैर को खूबसूरत बना देते हैं।

ओरछा का फूल बाग (Phool Bagh Orchha)

ओरछा का फूल बाग देखने में तो आकर्षक है ही, इसकी स्ट्रक्चरिंग भी टूरिस्ट को हैरान कर देती है। कतारबद्ध फव्वारे और इसमें पानी के प्रवाह की एक सरल तकनीक का इस्तेमाल किया गया। जो इसे महल के चंदन कटोरा से जोड़ती है। ये एक कटोरे जैसी संरचना है जिसके फव्वारों से पानी की बूंदें बारिश की तरह नीचे गिरती हैं और पूरे भवन को ठंडा रखती हैं।
यहां स्थित बदगीर सावन भादो मीनार से छन कर आने वाली हवा इस जगह को ठंडा बनाए रखती थी। इसकी वास्तुकला और नेचुरल खूबसूरती देखकर आप भी हैरान हो सकते हैं।

MP Tourism

लक्ष्मीनारायण मंदिर, यहां नहीं कोई मूरत

ओरछा का लक्ष्मीनारायण मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जो बहुत सुंदर है लेकिन यहां मां लक्ष्मी या अन्य देवी देवाओं की मूर्तियां स्थापित नहीं हैं। कहा जाता है कि यहां की मूर्तियां बहुत भव्य और हीरे-जवाहरातों से जड़ी थीं, जिन्हें आक्रमणकारी लूटकर ले गए। इसके बाद ना कभी इतने उच्च स्तर की मूर्तियों का निर्माण किया जा सका और ना ही राजपरिवार ने दोबारा किसी मूरत को यहां स्थापित किया। इस मंदिर की सुंदरता तो आपको अट्रैक्ट कर देगी, लेकिन इसकी लूट की कहानी सुनकर आपका दिल भर आएगा।

ये भी हैं ओरछा के बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन

यहां बेतवा नदी बहती है। इसके खूबसूरत किनारों से जब नदी को निहारा जाए, तो पानी के ऊपर से ही आप इसके अंदर की रेत को भी आसानी से देख सकते हैं। नाव की सवारी का मजा ले सकते हैं। ओरछा की लाइफ-लाइन मानी जाने वाली बेतवा नदी टूरिस्ट को फील गुड करा देती है। यहां राजा-महाराजाओं की छतरियां, दाऊजी की हवेली और ओरछा अभयारण्य भी घूमने के लिए बेस्ट हैं।

ओरछा के बारे में ये बातें जरूर जानें

  • -ओरछा, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
  • – यहां स्थित रामराजा मंदिर, भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाने वाला देश भर में एकमात्र मंदिर है।
  • – ओरछा किले में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों को 10 रुपए और विदेशी नागरिकों को 250 रुपए फीस देनी होती है।
  • – किला सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
  • – फोटोग्राफी के लिए कैमरे के लिए 25 रुपए तो वीडियोग्राफी के लिए 200 रुपए शुल्क चुकाना होता है।
  • – जहांगीर महल में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों को 10 रुपए और विदेशी नागरिकों को 30 रुपए देने होते हैं।
  • – लाइट एंड साउंड शो में वयस्कों का प्रवेश शुल्क 100 रुपए और बच्चों का 50 रुपए है।

ओरछा में कहां रुकें?

ओरछा में गिनती के होटल हैं और सभी का खर्च भी लगभग एक जैसा है। अगर आप होटल के लक्जरी रूम में नहीं रुकना चाहते तो यहां धर्मशालाएं भी हैं, जहां आप अपने बजट के मुताबिक रूम लेकर रुक सकते हैं। साधु-संतों की इन धर्मशालाओं में आपको सात्विक भोजन, पारंपरिक वातावरण मिलेगा। यहां लगी दानपेटी में आप दान भी कर सकते हैं।

ओरछा घूमने के लिए बेस्ट सीजन

अगर आप ओरछा घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो बता दें कि आप यहां हर सीजन में घूमने का मजा ले सकते हैं। लेकिन अक्टूबर से मार्च तक का समय यहां घूमने के लिए बेस्ट माना जाता है। अगर आप एक दिन में घूमना चाहते हैं, तो किले और महल में घूम सकते हैं। लेकिन पूरा ओरछा घूमने के लिए आपको कम से कम 2 दिन का समय यहां देना होगा।

Hindi News / Bhopal / MP Tourism: सर्दियों में एक बार जरूर घूमें ‘ओरछा’, एमपी के मिनी आईलैंड में हो जाएंगे कूल

ट्रेंडिंग वीडियो