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साल 2025 में अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखों के हिसाब से कई त्योहार पहले रहेंगे। 2024 में महाशिवरात्रि मार्च माह में थी। इसी प्रकार गणेश उत्सव सितंबर माह में था, जबकि 2025 में महाशिवरात्रि फरवरी माह में रहेगी। इसी प्रकार गणेश उत्सव की शुरुआत भी 27 अगस्त से हो जाएगी। अगस्त में तीन बड़े त्योहार आएंगे इसमें रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और गणेश उत्सव प्रमुख पर्व रहेंगे।
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-26 फरवरी: महाशिवरात्रि
-14 मार्च : होली
-30 मार्च : गुड़ी पड़वा
-6 अप्रेल : रामनवमी
-30 अप्रेल : अक्षय तृतीया
-27 जून : जगन्नाथ रथयात्रा
-10 जुलाई : गुरु पूर्णिमा
-9 अगस्त : रक्षाबंधन
-16 अगस्त : जन्माष्टमी
-27 अगस्त : गणेश उत्सव
-22 सिंतबर : शारदीय नवरात्र
-2 अक्टूबर : दशहरा
-7 अक्टूबर : शरद पूर्णिमा
-20 अक्टूबर : दिवाली
-1 नवंबर : देवउठनी एकादशी
अधिकमास के कारण आता है अंतर
ब्रह्म शक्ति ज्योतिष संस्थान पं. जगदीश शर्मा का कहना है कि सभी सनातनी पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार अपनी निर्धारित तिथि के अनुसार ही मनाए जाते हैं, जिसके लिए हिंदी माह और तिथि निर्धारित है। इसमें हर तीसरे साल अधिकमास आता है, जिसमें एक माह बढ़ जाता है, जो बिना संक्रांति के रहता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 10 से 15 दिन का अंतर दिखाई देता है। इसके पहले 2023 में अधिकमास था, जबकि इसके बाद 2026 में अधिकमास रहेगा। सावन माह 11 जुलाई से देवशयनी एकादशी के साथ 6 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत होगी, जो 1 नवंबर देवउठनी एकादशी तक रहेगा। चातुर्मास में ही सबसे अधिक हिंदू तीज त्योहार आते हैं। सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से होगी और 9 अगस्त तक सावन माह रहेगा। सावन और भादो माह में सबसे अधिक तीज त्योहार रहेंगे।