– होशंगाबाद की शिवानी कहती हैं कि मैं एक वर्किंग वूमेन हंू, प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हंू और वर्क फ्रॉम होम मुझे भी करना होता है। लेकिन पतिदेव की अपेक्षा रहती है कि घर का सारा काम मैं करुं और फिर अपना काम करुं, जबकि वे दिन भर टीवी देखते रहते हैं। इन बातों को लेकर झगड़ा बढ़ गया है।
लॉकडाउन में गुस्से का चढ़ता पारा :
कुंटुंब न्यायालय भोपाल की वकील और काउंसलर सरिता राजानी कहती हैं कि लॉकडाउन के बाद से पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़ों की शिकायतें बहुत बढ़ गई हैं। इन शिकायतों का सबसे बड़ा कारण मोबाइल है। पति काम में हाथ नहीं बंटाते और दिन भर मोबाइल पर रहते हैँ जिससे पत्नियां चिढऩे लगी हैं। महिलाएं शिकायतें कर रही हैं कि पति बच्चों के सामने झगड़ा करते हैं, दिन भर उनको चाय-कॉफी चाहिए, उनका फोन उठा लो तो पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है। हर दिन मोबाइल का पासवर्ड बदल देते हैं। अभी कुंटुंब न्यायालय बंद है इसलिए वे इन समस्याओं को सुलझा रही हैं। रोजाना पांच घंटे वे इस तरह के मामलों को सुलझाने में देती हंै। हर दिन पांच से दस मामले इन्हीं शिकायतों के होते हैं। पिछले एक महीने में 250-300 शिकायतें इस तरह की आ चुकी हैं।
पति-पत्नी के बीच प्यार की लक्ष्मण रेखा :
सरिता ने कहा कि हमने मोबाइल को लेकर पति-पत्नी के झगड़ों को सुलझाने के लिए दोनों के लिए गाइडलाइन यानी लक्ष्मण रेखा तैयार की है। घर में शांति के लिए पति-पत्नी दोनों को आपसी समन्वय से काम करना होगा। पति अपने काम का समय तय करें और पत्नी को भी समय दें। छोटे-छोटे घरेलू कामों में उनका हाथ बंटाएं, थोड़ी देर बाद महिला खुद ही मना कर देगी। यदि पत्नी वर्किंग वूमन है तो पति हाउस हसबैंड भी बन सकते हैं, सप्ताह में एक दिन तो ये प्रयोग किया ही जा सकता है। बच्चों के सामने बिल्कुल भी लड़ाई न करें। घर में अच्छे माहौल के लिए पत्नी का विश्वास जीतें और फोन को हमेशा सीने से लगाना छोड़ दें, पत्नी अपने आप फोन देखना बंद कर देगी। यदि पति-पत्नी इस तरह एक दूसरे का सहयोग करेंगे तो ये संकट का समय हंसते-हंसते बीत जाएगा। सरिता बताती हैं कि लोग उनकी इन बातों को अपना रहे हैं और बाद में फोन कर धन्यवाद भी दे रहे हैं।