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भोपाल

4 विभागों की नाक के नीचे चल रहा था नशे का कारोबार, तस्कर स्कूल-कॉलेज को बना रहे थे निशाना

MD Drug Factory: राजधानी भोपाल में अवैध नशे के खिलाफ पहले ही शुरू हो चुकी थी कार्रवाई, पुलिस, नारकोटिक्स, आबकारी और सामाजिक न्याय विभाग को सौंपी थी जिम्मेदारी, लेकिन किसी को खबर तक नहीं हुई और एमडी ड्रग्स की पूरी फैक्ट्री शुरू हो गई…

भोपालOct 09, 2024 / 04:43 pm

Sanjana Kumar

MD Drug Factory bhopal
MD Drug Factory MP: 12 नंबर मल्टी में युवा हत्याकांड के बाद पैमाने पर अवैध नशे पर कार्रवाई शुरू की गई थी। शहर में अवैध नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए चार विभागों को एक प्लेटफार्म पर लाया गया था। पुलिस, नारकोटिक्स, आबकारी और सामाजिक न्याय विभाग सहित महिला एवं बाल विकास की टीमों का गठन किया गया।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नशे के अवैध कारोबार की जानकारी के लिए इन टीमों को सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं से जोड़ा गया। समय बीता और सब ठंडे बस्ते में चला गया।
एजेंसियों के बीच तालमेल लगभग समाप्त हो गया। यही कारण है कि राजधानी जैसे संवेदनशील स्थान पर आउटर एरिया में एमडी ड्रग्स की पूरी फैक्ट्री ही खुल गई और युवाओं के हाथ में आसानी से खतरनाक जहर पहुंच गया। एजेंसियां अब ये पता लगा रही हैं कि शहर में आरोपियों के कितने एजेंट सक्रिय थे जो स्कूल और कॉलेज को अपना निशाना बना रहे थे। सुरक्षा एजेंसियां एक बार फिर ज्वाइंट ऑपरेशन टीम का गठन करने पर विचार कर रही हैं।

नशे की निगरानी के लिए यह विभाग

पुलिस विभाग

शहर के 38 थाना क्षेत्र में अवैध शराब, नशे की सामग्री का विक्रय करने वाले आरोपियों की धर पकड़ और उनकी पहचान करने की जिम्मेदारी। पुलिस अपने अभियान में दूसरे विभागों को शामिल नहीं कर रही है या कम शामिल कर रही है।

नारकोटिक्स विंग

नारकोटिक्स विभाग का गठन सूखा नशा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सह्रश्वलाई होने वाले ड्रग्स के अवैध कारोबार की निगरानी करने के लिए किया गया है। प्रदेश के राजस्थान गुजरात के बॉर्डर एरिया से नशे की तस्करी की कार्रवाई तक सीमित रहने वाला यह विभाग राजधानी में कम ही कार्रवाई करता है।

आबकारी विभाग

शहर में 87 कंपोजिट शराब दुकानों का टेंडर जारी करने एवं नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग के पास है। इसके अलावा अवैध शराब बेचने के मामले में आबकारी विभाग पुलिस विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई करता है। ङ्क्षसथेटिक नशे के मामले में कार्रवाई का अधिकार आबकारी के पास नहीं है।

सामाजिक न्याय विभाग

सामाजिक न्याय विभाग के तहत निजी व सरकारी स्तर पर जिले में 22 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। इसके अलावा सामाजिक न्याय विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शहर में अवैध तरीके से होने वाले नशे के कारोबार की सूचना एजेंसियों को देकर कार्रवाई करवा सकते हैं। सामाजिक न्याय विभाग ने 1 साल में 800 से ज्यादा लोगों को नशा मुक्त करने का दावा किया है लेकिन कार्रवाई में सीधे तौर पर शामिल नहीं हुआ। विभाग के डेवलपमेंट पर सरकार 70 करोड रुपए की राशि खर्च कर चुकी है।

विभागों की जिम्मेदारी तय की गई हैं

शहर में अवैध नशे का कारोबार रोकने के लिए विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। इसे पहले से ज्यादा पुख्ता बनाया जा रहा है।

-कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर

भोपाल पुलिस ने की सबसे ज्यादा कार्रवाई

अवैध नशे के खिलाफ राजधानी की पुलिस ने प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्रवाई की हैं। इस मामले में एटीएस के साथ ऑपरेशन पूरा किया गया। भविष्य के लिए सिक्योरिटी प्रोसीजर बना रहे हैं।
-हरिनारायणचारी मिश्रा, पुलिस आयुक्त

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