फोरम की ओर से मनोज मुंतशिर को नोटिस भेजने वाले वकील शाहनवाज खान का कहना है कि, ‘अगर मुंतशिर 30 दिनों के भीतर अपने दावे और आरोप का समर्थन करने के लिए सबूत पेश करने में विफल रहते हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से घोषणा करनी होगी कि, उन्होंने समारोह के दौरान नवाबों के खिलाफ जो भी कहा था, वो गलत और भ्रामक था।’
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नोटिस में कही गई ये बात
वकील शाहनवाज खान ने नोटिस के जरिए ये भी कहा कि, मुंतशिर ने अपने भाषण में कहा था कि, भोपाल 1949 में आजाद हुआ था। भोपाल के लोभी नवाब ने भोपाल की आजादी को कैद कर रखा। ये भी कहा कि, भोपाल नवाब शहर में पाकिस्तान का परचम लहराना चाहते थे। इसपर नोटिस में हवाला दिया गया कि, उनके ये अप्रमाणिक उद्भोदन भोपाल के सभी पुराने अभिलेखों से उलट और असत्य हैं।
जबकि, हीकत ये है कि, 15 अगस्त 1947 को भोपाल में तिरंगे के साथ प्रभात फैरी निकाली गई थी। ये भी प्रमाणित तथ्य है कि, 15 अगस्त 1947 के पूर्व ही नवाब भोपाल ने 562 रियासतों के साथ विलय और ठहराव समझौते के दस्तावेज पर भी हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद ही भोपाल भारतीय संघ का हिस्सा बन गया था। नोटिस में कहा गया है कि, 6 से 30 जनवरी, 1949 को भोपाल राज्य में विलय आंदोलन का मकसद भोपाल रियासत का प्रशासन भारत सरकार को सौंपना था।
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67 वर्षों में सरकार नहीं कर सकी आधिकारिक घोषणा
नोटिस में ये भी कहा गया कि, इस दावे के समर्थन में कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है कि, बोरास पुलिस फायरिंग के दौरान मारे गए लोगों ने अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) पकड़ा हुआ था। वहीं, ‘भोपाल हिस्ट्री फोरम’ की ओर से ये भी दावा किया गया है कि, मध्य प्रदेश की स्थापना के बाद से अबतक पिछले 67 वर्षों में कभी भी मध्य प्रदेश सरकार ने आधिकारिक तौर पर ये घोषणा नहीं की है कि, भोपाल की स्थापना राजा भोज ने की थी और भोपाल के संस्थापक नवाब दोस्त मोहम्मद खान एक लुटेरा और हमीदुल्ला खान आतंकवादी था।
क्या है ‘भोपाल हिस्ट्री फोरम’ ?
आपको बता दें कि, गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर ने 1 जून को भोपाल में आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम के दौरान नवाब दोस्त मोहम्मद खां को लुटेरा और हमीदुल्लाह खां को आतंकवादी बताया था, जिसपर अब आपत्ति जताते हुए ‘भोपाल हिस्ट्री फोरम’ नाम की संस्था ने लीगल नोटिस के जरिए मुंतशिर द्वारा किए दावों के प्रमाण पेश करने की बात कही है। इसके लिए उन्हें 30 दिनों का समय भी दिया गया है। बता दें कि, भोपाल हिस्ट्री फोरम शहर के इतिहासकारों की एक संस्था है, जिसे भोपाल के इतिहास का प्रमाणिक ज्ञान है। यही कारण है कि, संस्था से जुड़े इतिहासकारों द्वारा भोपाल के प्रमाणिक इतिहास पर कई किताबें भी लिखी गई हैं।