स्थानीय निकायों में सुधार के मामले में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे
भोपाल. मध्यप्रदेश स्थानीय निकायों में सुधार के मामले में राज्यों में सबसे आगे हैं। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अनुरूप मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश दोनों राज्यों ने अपने स्थानीय निकायों के कामकाज में काफी सुधार किया है। इस दिशा में इन राज्यों को और प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्रालय ने इन्हें खुले बाजार से अतिरिक्त पूंजी जुटाने की अनुमति दे दी है। कोविड महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार ने इन राज्यों के लिए बाजार से पूंजी जुटाने की सीमा उनकी जीडीपी के 2 प्रतिशत तक करने की अनुमति देने का फैसला 17 मई 2020 को लिया।
इस पूंजी में से आधी राशि नागरिक सुविधाओं पर खर्च की जाएगी। इनमें से एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड की व्यवस्था लागू करना, करोबारी सुगमता से जुडे़ सुधार, शहरी/स्थानीय निकायों से जुड़े सुधार और बिजली क्षेत्र से जुड़े सुधार शामिल हैं। स्थानीय निकायों में सफलतापूर्वक सुधार लागू करने के दोनों राज्यों के कामकाज को देखते हुए इन्हें खुले बाजार से इस काम के लिए 4,898 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जुटाने की अनुमति दी गई है।
मध्यप्रदेश को 2,373 रुपए और आंध्रप्रदेश को 2,525 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी जुटाने की अनुमति दी गई है। दोनों राज्यों को यह सुविधा स्वास्थ्य और साफ-सफाई जन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए दी गई है। शहरी स्थानीय निकायों में सुधार का उद्देश्य राज्य में यूएलबी की वित्तीय स्थिति बेहतर करना है ताकि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो सके। जिन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सुधार किए गए हैं उनमें ये व्यवस्थाएं की गई हैं।
c और 6 राज्यों ने अब तक कारोबार को सुगम बनाने के लिए सुधार किए हैं। सुधारों को शुरू करने और पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त उधार लेने के लिए और अधिक राज्यों को सुविधा प्रदान करने के लिए, व्यय विभाग ने हाल ही में राज्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा करने के लिए समय सीमा तय की थी। अब, यदि सुधार के कार्यान्वयन के संबंध में नोडल मंत्रालय की सिफारिश 15 फरवरी, 2021 तक प्राप्त हो जाती है, तो राज्य सुधार से जुड़े लाभों के लिए पात्र होंगे।
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