एमपी में सीवियर निमोनिया का खतरा बढ़ गया है। खासकर सागर और दमोह जिलों में इसके वायरस तेजी से फैल रहे हैं।
सागर जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में रोज 5-6 बच्चे इस वायरस से ग्रस्त होकर आ रहे हैं।
दमोह में जोर पकड़ रही सर्दी से सीवियर निमोनिया और फेफड़े में संक्रमण का खतरा बढ़ा है। जिला अस्पताल में शिशु रोग और मेडिसिन विभाग की ओपीडी में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। ज्यादातर सर्दी-जुकाम और निमोनिया के मरीज हैं। शिशु रोग विभाग की ओपीडी में औसतन 150 बच्चे इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं जबकि मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या 400 के पार हो चुकी है।
मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान है कि जनवरी का पूरा महीना और फरवरी के 15 दिन तक कड़ाके की सर्दी रहेगी। डॉक्टरों ने इन 45 दिनों में लोगों को अलर्ट रहने की अपील की है। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्गों को निमोनिया से बचने के लिए खास सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
यह है सीवियर निमोनिया
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश नामदेव के मुताबिक निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह हल्का या गंभीर हो सकता है। यह बीमारी बैक्टीरिया, वायरस और कवक के कारण हो सकती है। कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, थकान और सीने में दर्द शामिल हैं। वे कहते है कि बच्चों व बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। सर्दी से बचाने के तमाम उपाय करें। सर्दी जुकाम होने पर चिकित्सीय परामर्श के बिना दवाएं न लें।
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यह रखें सावधानियांशिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश नामदेव के मुताबिक
- सुबह व शाम को गर्म कपड़े पहन कर ही निकलें।
- अधिक पानी का सेवन करें।
- खाने में हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करें।
- दूध पीने वाले बच्चों को नियमित अंतराल पर दूध दें।
- गर्म और ताजा खाना ही खाएं।