बताया जा रहा है कि लाडली बहना योजना के तहत प्रदेश की कई आंगनवाड़ी सहायका, कार्यकर्ता, समस्त अध्यक्ष क/ सचिव स्व सहायका समूह की सदस्य भी इसका लाभ ले रही हैं। इसे लेकर कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सागर ग्रामीण-2 की तरफ से आदेश जारी करते हुए उनको योजना के लाभ का परित्याग करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी अपात्र महिलाओं को 15 दिनों का समय दिया गया है। तय अवधि में योजना का परित्याग न करने वाली अपात्र महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। हालांकि, विभाग की ओर से अब पिछले आदेश का खंडन करते हुए उसे निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं।
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सोशल मीडिया पर पहले वायरल हुआ ये आदेश
हालांकि, इस संबंध में प्रदेश शासन की ओर अपात्र महिलाओं के लाभ न लेने के संबंध में कार्रवाई करने से जुड़ा कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है। वहीं, पिछले आदेश का खंडन करते हुए सागर जिला महिला बाल विकास विभाग की और से नया आदेश भी सामने आ गया है, जिसमें पिछले आदेश को निराधार बताते हुए उसके नियम व शर्तों को तत्काल प्रभाव से निरस्त भी कर दिया गया है। नए आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे लाभ परित्याग से संबंधित आदेश अस्पष्ट है। ऐसा आदेश महिला बाल विकास विभाग की ओर से जारी नहीं हुआ है। ऐसे में इस आदेश को निराधार मानते हुए इसकी शर्तों को निरस्त किया जाता है।
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जानें योजना की प्रमुख शर्ते
लाड़ली बहना योजना की पात्रता के लिए शर्तों पर गौर करें तो वो महिला योजना का लाभ ले सकती हैं जो इनकम टैक्स के दायरें में ना आती हों, संयुक्त परिवार में पांच एकड़ से ज्यादा जमीन ना हो, परिवार में कोई भी एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में न हो, चार पहिया वाहन ट्रेक्टर को छोड़कर ना हो, पूर्व सांसद-विधायक, पंचायत सदस्यों की पत्नी ना हों।