हर दिन सवा लाख लोगों की हाजिरी
कुण्डलपुर महामहोत्सव के पंचकल्याणक में सवा लाख से अधिक श्रावक पहुंच रहे हैं। इनमें 30 हजार से अधिक वे श्रावक भी शामिल हैं जो नियमित रूप से यहीं रुक रहे हैं। वहीं 75 हजार अपडाउन कर रहे हैं। मेला परिसर के आस-पास हजारों कारों की पार्किंग फुल हो गई। यह श्रद्धालु देश भर से बड़े बाबा, छोटे बाबा व पंचकल्याणक में होने वाली धर्म रूपी रत्नों की बारिश की कुछ बूंदों को सिंचित करने के लिए दौड़े चले आ रहे हैं। कुण्डलपुर महामहोत्सव में स्थायी रूप से रहने वाले श्रावकों की संख्या करीब 30 हजार से ऊपर हैं, वहीं प्रतिदिन अपडाउन करने वालों की संख्या में बुधवार को 50 हजार से अधिक रही। गुरुवार को गर्भकल्याणक उत्तर के समय करीब 75 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसी संभावना कुण्डलपुर ट्रस्ट कमेटी भी जता रही है। देश भर की निगाहें कुण्डलपुर की ओर हो गई हैं और वाहनों का रेला अब कुण्डलपुर की ओर बढ़ चला है, जिससे दमोह-कुंडलपुर रोड पर हर दो मिनट में कारों का काफिला गुजर रहा है, यह स्थिति 24 घंटे बनी हुई है।
24 तीर्थंकरों को समर्पित
पंचकल्याणक भगवान के जन्म से मोक्ष तक का सजीव चित्रण है। 24 तीर्थंकरों को समर्पित आयोजन में 24 माता-पिता बनाए हैं। बुधवार को गर्भकल्याणक पूर्व में माताएं बनीं पात्रों के लिए 24 प्रसूति कक्ष बनाए। 8-8 अष्टकुमारियां सेवा में रही है। मरूदेवी को 16 सपने दिखाई दिए। उत्तर रूप गुरुवार को होगा, जिसमें नाभिराय का दरबार सजेगा।
2000 जिन प्रतिमाएं
पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव में देश विदेश से आई 2000 जिन प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब धातु से बनी इतनी बड़ी संख्या में मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जाएगी। बड़े बाबा आदिनाथ भगवान के नए मंदिर में स्थापित होने आई प्रतिमाओं का ऐलक निश्चय सागर महाराज ने अवलोकन किया।
कुण्डलपुर महामहोत्सव में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुण्डलपुर में करीब 25 हजार से अधिक लोग एक साथ रह रहे हैं। सफाई के लिए 30 कचरा वाहन लगाए हैं, जो लगातार घूमकर कचरा उठाते हैं। यह वाहन यहां काम कर रहे 1500 सफाई कर्मियों के काल पर लगातार भ्रमण करते
रहते हैं। 8 घंटे की शिफ्ट में 500 कर्मचारी हर वक्त तैनात रहते हैं। सफाई व्यवस्था पर खास फोकस किया गया है। 7 भोजन शालाएं चल रही हैं, डोर मेट्री आवास व मुख्य पंडाल में जैसे ही लोग हटते हैं, वैसे ही सफाई शुरू हो जाती है।