भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा हाईकोर्ट में दर्ज याचिका के तहत कहा गया है कि, 1984 में यहां संसद मार्ग थाने में दर्ज प्राथमिकी में कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसआइटी को निर्देश देने की मांग की गई है। मामले में पांच लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया था। इन सभी को कांग्रेस नेता के मकान में ठहराया गया था। लेकिन, सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
यह भी पढ़ें- होम आइसोलेट कोरोना मरीज ने कहा कुछ ऐसा, सिंधिया को हाथ जोड़कर बोलना पड़ा- ऐसा मत कहो भैया
कमलनाथ की गिरफ्तारी की मांग
कमलनाथ का नाम एफआईआर में कभी नहीं था। सिरसा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह और वकील गुरबख्श सिंह ने बिना किसी देरी के कमलनाथ की गिरफ्तार के निर्देश जारी करने मांग कर दी है। मामला यहां के गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब पर दंगाइयों की भीड़ से जुड़ा है। हालांकि, कमलनाथ इन आरोपों से इंकार कर चुके हैं।
सितंबर 2019 में खुला था केस
एसआइटी ने सितंबर 2019 में सात सिख विरोधी दंगा मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया था। इन मामलों में आरोपित या तो बरी हो गए थे या फिर मुकदमा बंद कर दिया गया था। सिरसा ने दावा किया कि कमलनाथ ने सात मामलों में से एक में आरोपित पांच लोगों को आश्रय दिया था।
मजार पर नाराज हुईं बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर, देखें वीडियो…