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विश्व में मज़दूर दिवस का इतिहास ( why may 1 is labor day )
बहुआयामी देश भारत में इसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि, ( what is labor day ) इसी दिन 1886 को अमेरिका में हजारों मजदूरों ने एक साथ मिलकर 15 घंटे काम कराने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। ये अमेरिका में औद्योगिकिकरण का भी दौर था, जहां मजदूरों का उद्योगपतियों द्वारा बेतहाशा काम कराकर एक तरह से उनका शोषण किया जाता था। एक मई की इस मजदूर क्रांति के बाद से न सिर्फ मजदूरों को उनके हक और सम्मान मिला, बल्कि दिनभर में अधिकतर 8 घंटे ही कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इस विजय के बाद से हर साल 1 मई को मजदूर दिवस ( may 1 labor day ) के रूप में मनाया जाने लगा।
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भारत में मजदूर दिवस का इतिहास ( may 1st labor day )
ऐसा कहा जाता है कि, भारत में पहली बार 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान की ओर से मद्रास (चेन्नई) में मजदूर दिवस की घोषणा की गई थी। यही वो मौका था, जब पहली बार लाल रंग का झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के तौर पर देश में इस्तेमाल किया गया, जिसका स्वरूप आज भी ठीक वही है। ये भारत में मजदूर आंदोलन की एक शुरुआत भी थी, जिसका नेतृत्व वामपंथी और सोशलिस्ट पार्टियों मिलकर ने किया था। इस दिन भारत समेत दुनियाभर में मजदूरों ने संगठित होकर अपने साथ हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की थी और तभी से लेकर अब तक इस दिन को भारत में भी मजदूरों के हक़ का दिन माना जाने लगा और विश्वभर की तरह भारत में भी इसे विशेष दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।