ये है पूरा मामला
मामला जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ है। नर्मदापुरम के प्रदीप अग्रवाल और नितिन अग्रवाल के बीच जमीनी विवाद चल रहा है जिसे लेकर प्रदीप अग्रवाल ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें हाईकोर्ट के जज जीएस अहलूवालिया ने नामांकरण की प्रक्रिया नए सिरे से शुरु करने के आदेश दिए थे। लेकिन आदेश के बावजूद नामांतरण की कार्यवाही नहीं की गई। जिसके बाद सिवनी-मालवा तहसीलदार ने दूसरे पक्ष नितिन अग्रवाल से बंटवारे का आवेदन रिकॉर्ड की प्रोसेस शुरु कर दी। जिसकी वजह से मामला फिर हाई कोर्ट में पहुंच गया।भोपाल के युवक ने बेंगलुरु में लड़की को बेरहमी से मार डाला, सामने आया रौंगटे खड़े करने वाला वीडियो
जज ने जताई नाराजगी
अब इस मामले में हाईकोर्ट के जज जीएस अहलूवालिया ने कलेक्टर सोनिया मीणा को हाईकोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। लेकिन कलेक्टर सोनिया मीणा ने सीधे अतिरिक्त कलेक्टर के माध्यम से न्यायाधीश को पत्र लिख कर आने में छूट मांगी। इस पर हाईकोर्ट के जज जीएस अहलूवालिया ने कहा कि कोई भी अधिकारी अपनी बात सरकारी वकील के जरिए कोर्ट में रख सकता है। इस तरह से सीधे जज को चिट्टी भेजना उचित नहीं है।