पढ़ें ये खास खबर- औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है भोपाल गैस त्रासदी, जानिए कितनी भयानक थी वो रात
जो प्रदर्शन स्थल पर था ही नहीं, वो शिकायत कर कैसे सकता है?
राजधानी भोपाल की मध्य विधानसभा से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद कोर्ट को दी याचिका के जरिये ये दलील दी है कि, उन्होंने सभा में किसी भी तरह का भड़काऊ और धार्मिक भावनाओं को भड़काने जैसा भाषण नहीं दिया था। इसलिए एक ही वक्त में एक ही स्थल पर दो अलग अलग FIR न्याय संगत नहीं हैं। मसूद ने ये भी कहा कि, उनके खिलाफ शिकायत करने वाले डॉक्टर दीपक रघुवंशी आख़िर कौन हैं? बड़ा सवाल ये कि, जो व्यक्ति उस वक्त प्रदर्शन स्थल पर मौजूद ही नहीं था, वो शिकायत कर कैसे सकता है।
पढ़ें ये खास खबर- Weather Update : नॉर्थ-ईस्ट से सर्द हवा चलने पर अचानक 2 डिग्री गिरा तापमान, पड़ेगी कड़ाके की ठंड
HC ने दी थी अग्रिम ज़मानत
बीते 27 नवंबर को जबलपुर हाईकोर्ट (HC) ने विधायक आरिफ मसूद को 50 हज़ार के मुचलके पर अग्रिम ज़मानत दी थी। उन्हें जांच में सहयोग करने और बिना अनुमति भोपाल ना छोड़ने की शर्त पर ज़मानत दी गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था- निर्वाचित जनप्रतिनिधि के फरार होने की आशंका नहीं है। आरिफ मसूद पर धार्मिक भावनाएं भड़काने पर केस दर्ज हुआ था, जिसपर उन्हें जमानत मिली है।
पढ़ें ये खास खबर- युवती के जरिए हवाला कारोबार, रेलवे स्टेशन पर बैग में मिले 50 लाख रुपए, आयकर विभाग को सौंपा मामला
ये था मामला
बता दें कि, भोपाल के इक़बाल मैदान में फ़्रांस के ख़िलाफ प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जो भाषण दिया था, सरकार और शिकायत कर्ता द्वारा उसे भड़काऊ माना गया। इसी आधार पर उनके खिलाफ गैर ज़मानती धाराएं लगाते हुए केस दर्ज किया गया था। मसूद की ओर से इसपरदलील पेश की गई थी कि पुलिस ने 29 अक्टूबर को कलेक्टर ऑर्डर के उल्लंघन की FIR दर्ज की थी। उसके बाद 4 नवंबर को सरकार ने जानबूझकर उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण की FIR दर्ज करवाई। भोपाल के इक़बाल मैदान में भड़काऊ भाषण को लेकर मुकदमा दर्ज होने पर मसूद ने अग्रिम ज़मानत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी।