वाहन रजिस्ट्रेशन के दौरान रजिस्टर्ड नंबर से अटैच किया जाएगा बैंक खाता
हर्ष पचौरी, भोपाल. हाई पर अब आप सरपट गाड़ी दौड़ा सकते हैं। अब टोल प्लाजा पर रुकने की झंझट खत्म हो रही है, फास्टैग से भी पैसा नहीं कटेगा। नेशनल हाइवे पर गाड़ी चलाते समय अब आपको टोल प्लाजा पर खड़े होकर अपना फास्टैग स्टीकर स्कैन करवाने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए भविष्य में रजिस्टर्ड होने वाले नए चार पहिया निजी एवं व्यवसायिक वाहनों के नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन मालिकों के बैंक खाते भी अटैच किए जाएंगे। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों में इस व्यवस्था को जीपीएस आधारित बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने पहले चरण में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए मिसरोद, गोहरगंज, बरेली, नर्मदापुरम कॉरिडोर सड़क पर बनाए गए टोल प्लाजा पर यह व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब दूरी के हिसाब से ही ये शुल्क लगेगा। वर्तमान व्यवस्था में यदि आप भोपाल से नर्मदापुरम की यात्रा पर हैं तो नर्मदापुरम के पास बने टोल प्लाजा पर आपको 135 रुपए का टोल चुकाना होता है। यदि फास्टैग नहीं है तो ये शुल्क दोगुना यानि 270 है। टोल के आगे भले ही आप 10 किलोमीटर का सफर तय करें लेकिन यह शुल्क सभी के लिए सामान दर से वसूला जाता है। जीपीएस आधारित गणना में आप नेशनल हाइवे का जितने किलोमीटर इस्तेमाल करेंगे उतने किलोमीटर के हिसाब से ही बैंक खाते से पैसा कटेगा। वाहन जब नेशनल हाइवे पर चलेंगे तो टोल प्लाजा पर बैरियर पर रुकने की बजाय यहां लगे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे वाहन का नंबर पढ़कर लगने वाला शुल्क ऑटोमेटिक संबंधित बैंक खाते से डेबिट कर लेंगे।
चार चरण में लागू होगा प्रोजेक्ट परिवहन विभाग सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर नए रजिस्टर्ड होने वाले वाहनों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम की रीडिंग के लिए डिजिटल चिप हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर स्थापित करेगा। इस चिप पर वाहन मालिक के बैंक खाते की जानकारी उपलब्ध होगी जिसे केवल ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा स्कैन कर पाएगा। दूसरे चरण में स्टेट हाईवे के टोल प्लाजा को इसमें शामिल करने की योजना है। तीसरे एवं चौथे चरण में पुराने निजी एवं व्यावसायिक वाहनों की नंबर प्लेट को बदला जाएगा।
अपर आयुक्त परिवहन अरविंद सक्सेना बताते हैं कि केंद्र सरकार की मंशा अनुसार प्रदेश के टोल प्लाजा एवं नए वाहनों में यह व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही ट्रांसपोर्ट टैक्स कलेक्शन सिस्टम भी इसी सिस्टम से रिकवर होगा।
बगैर फास्टैग वाहन चालकों से होने वाले अनावश्यक विवाद समाप्त हो जाएंगे, शत प्रतिशत रिकवरी होगी- सड़क बनाकर टोल प्लाजा चलाने वाली कंपनियां आमतौर पर एमपीआरडीसी एवं एनएचएआइ को पेश किए जाने वाले अपने प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट में घाटा होना दर्शाती हैं। नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से तय समय सीमा के अंदर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट निकल जाने की पुष्टि हो सकेगी। इसके अलावा टोल प्लाजा पर बगैर फास्टैग वाहन चालकों से होने वाले अनावश्यक विवाद भी समाप्त हो जाएंगे।
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