विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक, एक साल की अवधि वाले पट्टे के रिन्युअल पर 500 रुपए स्टाम्प शुल्क चुकाना होगा। इसमें खास बात ये है कि, खनन पट्टों को छोड़कर सभी तरह के पट्टों के रिन्युअल पर ये शुल्क लगाया जाएगा।
कितनी समयावधि पर कितना शुल्क
प्रस्ताव के अनुसार, एक साल से ज्यादा और पांच साल से कम अवधि के पट्टे पर संपत्ति के बाजार मूल्य का 0.1 फीसदी, 5 से अधिक और 10 साल तक की स्थिति में 0.5 फीसदी, 10 से 20 साल तक 1 फीसदी, 20 से 30 साल तक पट्टा अवधि होने पर बाजार मूल्य का 2 फीसदी और 30 साल से अधिक होने पर 5 फीसदी स्टाम्प शुल्क लगेगा।
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कैबिनेट में मंजूर हुआ तो विधानसभा के मानसून सत्र में पेश करेगी सरकार
इसके अलावा, बैंक गारंटी के नवीनीकरण पर 1 हजार रुपए पंजीयन शुल्क देना होगा। बैंक लोन ट्रांसफर करने पर भी 1 हजार रुपए ही पंजीयन शुल्क चुकाना होगा। कैबिनेट में इस संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो सरकार विधानसभा के 13 सितंबर से शुरु होने वाले मानसून सत्र में भारतीय स्टाम्प (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक को प्रस्तुत कर देगी।
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