भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कालेज (gmc) के स्टूडेंट्स अब अमेरिका की एमरी यूनिवर्सिटी के जरिए हायर एजुकेशन में मदद ले पाएंगे। ऐमरी यूनिवर्सिटी ने नॉलेज शेयरिंग मिशन के तहत भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू साइन किया है।
सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में यह हस्ताक्षर हुए हैं। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, जीएमसी प्रबंधन और अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी के अधिकारी मौजूद थे। इस करार के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स अमेरिका के ताजा अध्ययनों का अपडेट हासिल कर पाएंगे। एमपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि शोध के क्षेत्र में प्रख्यात अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी (@EmoryUniversity) ने गांधी मेडिकल कॉलेज (gandhi medical college) के साथ मेडिकल नॉलेज शेयरिंग अंतर्गत एमओयू किया गया। इस एमओयू से नवीन चिकित्सा तकनीकों, चिकित्सा ट्रेनिंग और संयुक्त चिकित्सीय शोध के क्षेत्र में प्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थियों को सहायता मिलेगी और
कार्यक्रम में ऐमरी यूनिवर्सिटी की तरफ से डॉ. मनोज जैन के अलावा मप्र के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, गैस राहत विभाग की प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार देशमुख, डीएमई डॉ. जितेन शुक्ला, गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में ग्लोबल हेल्थ की वाइस प्रेसिडेंट रेबेका मार्टिन वर्चुअली रूप से जुड़ी थीं।
क्या होगा फायदा
अमेरिकी यूनिवर्सिटी में होने वाले रिसर्च और नई-नई तकनीकों की जानकारी हमारे मेडिकल स्टूडेंट्स को मिल सकेगी, वहीं हमारे अध्ययन और अनुभव से अमेरिका के डॉक्टर्स भी हो सकेंगे। ट्रेनिंग के जरिए भी मेडिकल स्टूडेंट्स की क्षमता का विकास हो सकेगा। यह अपने-अपने रिसर्च को भी एक्सचेंज कर पाएंगे। इस एमओयू के जरिए मेडिकल विषयों पर एडवांस लेक्चर होंगे, वहीं समय-समय पर कांफ्रेंस के अलावा वर्कशाप भी आयोजित होंगे। इसमें सर्टिफिकेट कोर्स भी आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में मौजूद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि इसकी स्थापना के पीछे लक्ष्य यही है कि मेडिकल स्टूडेंट्स को रिसर्च और हायर एजुकेशन में और मरीजों को बेहतर इलाज में अमेरिका की यूनिवर्सिटी के रिसर्च का लाभ मिल सकेगा। इससे नवीन चिकित्सा तकनीकों का आदान-प्रदान किया जा सकेगा। सारंग ने कहा कि ऐमरी यूनिवर्सिटी दुनिया की सबसे अच्छी मेडिकल यूनिवर्सिटीज में से एक है। इसके जरिए दोनों ही कॉलेज में स्टूडेंट्स और डॉक्टर्स की नॉलेज शेयरिंग और एडवांस लर्निंग में मदद मिलेगी।