जानकारी के अनुसार भोपाल वृत्त में दो शावक और एक वयस्क बाघ के पग माक्र्स कलियासोत-केरवा में शावकों के साथ रह रही बाघिन टी-123 और उसके शावक के हैं, जबकि भानपुर सर्किल में जो पग माक्र्स मिले हैं वह बाघ टी-121 के हो सकते हैं। विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिन में राजधानी के आसपास विचरण कर रहे अन्य बाघों के निशान भी जल्द मिलेंगे।
मोबाइल एप पर डेटा बनी परेशानी का कारण
वन्यप्राणी गणना के लिए वन विभाग ने पहली बार मोबाइल एप का उपयोग किया है। आल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन के लिए इकोलॉजी के नाम से एंड्रॉयड एप बनाया गया है। जानकारी के अनुसार पहली बार किए जा रहे इस तरह के प्रयोग के चलते कई वनकर्मचारियों को डेटा फीडिंग की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई कर्मचारियों के पास तो एंड्रॉयड मोबाइल ही नही है। ऐसे में इस एप्प का प्रयोग भी नही हो पा रहा है।
यहां- यहां हो रही कांऊटिंग
वन विभाग की दक्षिण समर्धा, उत्तर समर्धा, प्रेमपुरा, दक्षिण पडरिया, उत्तर पडरिया, कानासैया, गोल, मेण्डोरा राजस्व बीट, भानपुर, चीचली, समसपुरा, आमला, बालमपुर, अमोनी, कल्याणपुर और खजूरी बीट में वन्य प्राणियों की गणना की जा रही है। लगभग दो दर्जन वनपाल, वन रक्षक के अलावा पांच वालेंटियर वन्य प्राणियों की इस गणना में शामिल हैं। वालेंटियर में 04 बरकतउल्ला विवि के छात्र-छात्राएं हैं।
पौने दो लाख के कैमरा सेट हो गये चोरी
वहीं एक दूसरी प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्य जीवों की गणना के लिए कूनो पालपुर अभ्यारण्य में लगाए गए 17 कैमरा टै्रप के चोरी हो गए। वन विभाग ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है। चोरी गए कैमरों की कीमत पौने दो लाख रुपए से अधिक बताई गई है।
रिमोट से संचालित होने वाले कैमरा टै्रप अभ्यारण्य में लंबे समय से इस्तेमाल किए जा रहे थे। वन्य जीवों की गणना के लिए इनकी संख्या बढ़ाने के साथ ही अस्थायी रूप से वन क्षेत्र में स्थापित कर दिया गया था। कैमरों को इमेज और डाटा के लिए एकत्रित किया जाने लगा तो 17 कैमरा टै्रप सहित गायब होने का पता चला।
कूनो वन मंडलाधिकारी ब्रजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस को शिकायत भेजी गई है। अभी प्रकरण तो दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन वन व पुलिस अमले ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले कैमरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं हो चुकी हैं।