दिग्विजय सिंह ने योगी सरकार से मांग की है कि, वो अतीक अहमद के साथ लिप्त बिल्डरों, नेताओं और व्यापारियों के नाम उजागर करे। उन्होंने ये भी कहा कि, ‘अतीक और उनका परिवार लंबे समय आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है। लेकिन, एक बात और है कि, अतीक की गैंग ने हिन्दुओं से ज्यादा मुस्लिमों को प्रताड़ित किया है। बेटे का एनकाउंटर तो पुलिस ने किया, लेकिन पुलिस कस्टडी में दो-दो हत्याएं होना किसकी जिम्मेदारी है ?’
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हत्याकांड में इस जांच की मांग
यही नहीं, दिग्विजय सिंह ने अतीक अहमद और भाई अशरफ हत्याकांड के मामले में ईडी और सीबीआई द्वारा जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, इस बात का खुलासा होना चाहिए कि, किन – किन से अतीक के संबंध थे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘ये बात तो सच है कि, माफिया का हेड तो गया, लेकिन माफिया राज पूरी तरह खत्म होना चाहिए। जिन व्यापारियों के अतीक ने नाम लिए थे, उनके संबंध में भी खुलासे होना चाहिए।’
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दिग्विजय सिंह का सवाल- ‘क्या शूटर को गृहमंत्री का संरक्षण था ?
वहीं, अतीक अहमद को मारने वाले आरोपी शूटर लवलेश तिवारी और कुख्यात माफिया विकास दुबे के बीच के कनेक्शन को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि, विकास दुबे ने महाकाल मंदिर ही क्यों चुना ? गृहमंत्री का विकास दुबे से क्या संबंध था, ये मेरा सवाल है? उसी तरह लवलेश मध्य प्रदेश आया था। दोनों में क्या लिंक है, इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री से सवाल किया है। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्होंने सवाल किया कि, क्या उसे गृहमंत्री का संरक्षण था ? नरोत्तम मिश्रा को जवाब देना चाहिए। इससे पहले दिग्विजय ने कहा था कि, अपराधियों के संबंध अधिकारियों, बिल्डर्स आदि से जरूर होते हैं। इनकी जांच भी होनी चाहिए।