मध्यप्रदेश के आयुष यानि आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी कॉलेजों तथा अस्पतालों के टीचर्स व डॉक्टरों को एक दो दिन में बड़ी सौगात मिल सकती है। इनकी सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की तैयारी है। आयुष विभाग के टीचर्स व डॉक्टरों को 62 साल की बजाए अब 65 साल में सेवानिवृत्त किया जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव इसकी घोषणा कर सकते हैं।
1700 को फायदा
आयुष कॉलेजों के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने से करीब 1700 डॉक्टरों को इसका लाभ मिलेगा। 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त करने का आयुष डॉक्टर लगातार विरोध कर रहे हैं। कुछ रिटायर्ड डॉक्टर्स तो इस मसले पर हाईकोर्ट में याचिका भी लगा चुके हैं। डॉक्टर्स की याचिका पर हाईकोर्ट ने उन्हें रिटायर करने के आदेश पर स्टे लगा दिया जिसके बाद सरकार उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने पर विवश हो रही है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और पशु चिकित्सा शिक्षा विभाग के कॉलेजों में फैकल्टी की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल ही है। स्वास्थ्य विभाग भी अपने अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर चुका है। यही कारण है कि आयुष के टीचर्स और डॉक्टर्स भी 65 साल में ही रिटायर किए जाने की मांग कर रहे हैं।
7 सरकारी आयुर्वेद कॉलेज हैं एमपी में
एमपी में 7 सरकारी आयुर्वेद कॉलेज हैं। एक होम्योपैथी कॉलेज और एक यूनानी कॉलेज भी है। इन कॉलेजों में कुल 300 टीचर्स हैं। आयुष के प्रदेशभर में 800 चिकित्सा अधिकारी भी हैं। जिला अस्पतालों और अन्य अस्पतालों, औषधालयों में भी कई आयुष डॉक्टर्स सेवाएं दे रहे हैं। 602 आयुष चिकित्सा अधिकारियों को तो इसी साल नियुक्त किया गया है। इस तरह करीब 1700 डॉक्टरों को सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ने पर फायदा मिलेगा। प्रदेश सरकार के समक्ष एक दिक्कत और आ रही है। सरकार ने 62 साल की उम्र में आयुष के जिन डॉक्टरों को सेवानिवृत्त किया, उनमें से 70 डॉक्टर अभी भी काम कर रहे हैं। इन सभी ने सेवानिवृत्ति पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें स्टे दे दिया। यही वजह है कि सरकार आयुष डॉक्टरों की रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाने के लिए मन बना चुकी है और कभी भी इसकी घोषणा कर सकती है।