जांच के बाद दिसंबर 2023 में रिपोर्ट डायरेक्टोरेट ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को सौंप दी गई। हालांकि, अब इस मामले में खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विमान ने शाम 5:45 बजे बेंगलुरु से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। शाम 6:27 बजे विमान 43,008 फीट की ऊंचाई पर था। पायलट को टर्बुलेंस का अहसास हुआ। एयर प्रेशर भी कम होने लगा। इसपर पायलट और को-पायलट ने तुरंत ही विमान की ऊंचाई कम करनी शुरु कर दी। विमान जब 36 हजार फीट की ऊंचाई पर था, तभी प्लेन के केबिन में मास्टर वार्निंग आना शुरू हो गई। जिस वक्त टर्बुलेंस महसूस हुआ, तब विमान के केबिन में कोई सेफ्टी अलर्ट नहीं आया था। पायलट ने इमरजेंसी अनाउंसमेंट किया। विमान को 43 हजार फीट की ऊंचाई से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर लाया गया।
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पायलट ने पहले विमान की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए नागपुर एयरपोर्ट पर एटीसी से अनुमति मांगी। हालांकि, उस दौरान नागपुर में मौसम खराब था। इसलिए विमान वहां लैंड नहीं किया जा सका। इसके बाद शाम 7:43 बजे भोपाल एयरपोर्ट में लैंडिंग की अनुमति मिलने के बाद उसे तत्काल ही भोपाल में इमरजैंसी लैंड किया गया।