कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कथा के तीसरे दिन लोगों को नशे जैसी बुराई से दूर रहने और हेलमेट, सीट बेल्ट लगाने का संदेश दिया। कथा के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि चाहे तो आप लोग आंकड़े निकालकर देख लो, समुद्र, कुआ, बावड़ी, नदियों में डूबकर मरने वालों की संख्या कम मिलेगी लेकिन प्याली में डूबकर मरने वालों की अधिक है।
उन्होंने कहा कि कितनी भी महंगी गाड़ी हो, लेकिन वह गटर के पानी से नहीं चल सकती, लेकिन लोग गटर का पानी गटककर जिंदगी की गाड़ी दौड़ाना चाहते हैं। परमात्मा ने हमें करोड़ों का शरीर दिया है, इसकी रक्षा करें और भगवान को धन्यवाद दें। कथा में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी प्रमुख रूप मौजूद रहे।
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हेलमेट-सीट बेल्ट लगाने में फायदा हमारा है सरकार का नहीं। इसी तरह भगवान को जल अर्पित करने में फायदा आपका है, सीहोर वाले महाराज का नहीं। इसलिए हेलमेट, सीट बेल्ट अवश्य लगाए। उन्होंने भोपाल के लोगों की तारीफ भी की।
कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। जो नए पंडाल लगाए गए थे वे भी फुल हो गए। कई लोग धूप में छतरी और चादर लगाकर कथा सुनते नजर आए। भीड़ का आलम यह है कि दोपहर 12 बजे तक ही पंडाल भर जाते हैं। कथा के बाद बाहर निकलने में भी एक घंटे से अधिक का समय लग रहा है। बाहर से आए श्रद्धालु कथा स्थल के साथ ही विभिन्न होटल, धर्मशालाओं पर रूके हुए हैं।