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जब तक वैक्सीन नहीं बनता तब नहीं सुधरेंगे हालात
मौजूदा स्थितियों के आधार पर ये चेतावनी दी गई है कि, रोग के व्यापक भौगोलिक प्रसार और परीक्षण में कमी के बावजूद सक्रिय मामलों में हुई वृद्धि से ये साबित हो रहा है कि वायरस अभी भी मौजूद है और इसके जब तक पूरी तरह नष्ट होने की कोई संभावना नहीं है, जब तक इसका वैक्सीन तैयार न हो जाए। मई माह के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर किये गए विश्लेषण के अनुसार संभावना जताई जा रही है कि राज्य में कोरोना संक्रमण जुलाई महीना खत्म होने से पहले अपने चरम पर पहुंच सकता है।
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विश्लेषण में सामने आए नतीजे
विश्लेषण में ये भी कहा गया है कि, जिस तरह हमने देखा कि, आधी मई के बाद राज्य में कोरोना के मामलों में रोजाना के हिसाब से बहुत तेजी से उछाल आया। वायरस के प्रसार में वृद्धि हुई और सक्रिय मामले फिर से बढ़ने लगे। इसके अलावा, पिछले तीन हफ्तों में पॉजिटिव मामले के दर में वृद्धि हुई है। 12 जिलों में पांच प्रतिशत के दर से पॉजिटिव मामले में वृद्धि दर्ज की गई। विश्लेषण में कहा गया है कि मृत्यु दर कम हो रही थी, लेकिन पिछले 10 दिनों में मृत्यु की वृद्धि दर फिर से बढ़ने लगी है। 15 मई को ये दर 2.1 प्रतिशत थी और 27 मई तक बढ़कर 2.4 प्रतिशत हो गई।
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स्वास्थ मंत्री का दावा
विश्लेषण मे बताया गया कि मई में भी मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रही, जबकी परीक्षण की दर कम हो गई। अधिकारियों ने कहा कि एक मई को 2,461 परीक्षण किए गए थे। वो 16 मई को 5,648 हो गए, लेकिन 27 मई को ये घटकर 3,595 हो गए। विश्लेषण के बाद, 28 मई को 4,840 परीक्षण किए गए और 7 जून को 6,126 परीक्षण किए गए। स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक, राज्य कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी रेट देश में सबसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि, प्रदेश में 65 फीसदी की दर से राज्य में मरीज ठीक हो रहे हैं, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, सरकार 80,000 बेड की तैयारी कर रही है।