मुख्यमंत्री ने प्रशासन के 12 प्रमुख सूत्र बताते हुए कहा कि हमारा पहला सूत्र है कि जनता ही अपनी भगवान है। कोई भी अहंकार में न रहे तथा जनता की सेवा एवं बेहतरी के लिए कार्य करें।
दूसरा सूत्र: मध्यप्रदेश के खजाने पर सबसे पहले गरीबों का हक है। गरीबों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
तीसरा सूत्र: किसान एवं कृषि का विकास हमारा तीसरा महत्वपूर्ण बिन्दु है। किसानों की फसल की उत्पादन लागत घटाने तथा उन्हें फसलों का बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए निरंतर कार्य करना है। प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग तथा कृषि अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में विशेष प्रयास किए जाने हैं।
चौथा सूत्र: महिला सशक्तीकरण। हमें महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक सशक्तीकरण करना है तथा उन्हें पूरा सम्मान एवं सुरक्षा देनी है। महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाना है। बेटियों की सुरक्षा के लिए हम धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 लाए हैं।
पांचवा सूत्र: प्रदेश में सुशासन देना, जिसके अंतर्गत जनता को निश्चित समय-सीमा में सेवाएं बिना कार्यालयों के चक्कर लगाए तथा बिना कुछ लिए-दिए प्राप्त हो जाएं।
छठवां सूत्र: प्रदेश को माफिया मुक्त करना। प्रदेश में ड्रग माफिया, मिलावट माफिया, भू-माफिया, रेत माफिया आदि के विरूद्ध सघन अभियान जारी रहेगा। साथ ही इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा कि आमजन को कोई दिक्कत न हो। किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे मामले में न फंसाया जाए।
सातवां सूत्र: परियोजनाओं को निश्चित समय पर पूरा करना। इसके लिए मैं स्वयं हर हफ्ते बड़ी योजनाओं की समीक्षा करूंगा, मंत्रीगण भी नियमित समीक्षा करें। अधिकारीगण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। परियोजनाएं बिना लागत बढ़े समय से पूरी हो जाएं।
आठवां सूत्र: केन्द्र की हर योजना में नंबर वन रहना। इसके लिए सभी निरंतर प्रयास करें। मंत्रीगण केन्द्र से निरंतर समन्वय रखें तथा दिल्ली के दौरे करें। विभिन्न योजनाओं में केन्द्र से अधिक से अधिक राशि प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं।
नौवां सूत्र: आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का गठन। इसके लिए बनाए गए रोडमैप पर तेजी से क्रियान्वयन किया जाए।
दसवां सूत्र: अधिक से अधिक रोजगार सृजन। इसके लिए हर विभाग प्रयास करे। शासकीय व अशासकीय दोनों क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित किए जाएं। कौशल विकास पर पूरा ध्यान दिया जाए।
ग्यारहवां सूत्र: जन स्वास्थ्य। हमें प्रधानमंत्री जी के दोनों मंत्र ‘स्वास्थ्य ही संपदा’ है और ‘दवाई भी कड़ाई भी’ का पालन करना है। हमें अपने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को उच्च कोटि का बनाना है। साथ ही फीवर क्लीनिक को इस प्रकार विकसित करना है कि वहां जनता को हर प्रकार के रोगों का प्राथमिक इलाज मिल सके।
बारहवां सूत्र: अच्छी शिक्षा। इसके लिए हमें शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना होगा। प्रत्येक 20-25 किलोमीटर के दायरे में सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।