BNS New Laws Benefits: देश के साथ मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से लागू नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर सभी पुलिस थाना क्षेत्रों और जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यक्रम कर कानूनों की जानकारी दी जाएगी। जिले के इस कार्यक्रम में एसपी, जनप्रतिनिधि सहित जिले के बुद्धिजीवी लोगों और विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ स्थानों पर सोमवार को पुलिसकर्मी ढोल-नगाड़ों से स्वागत करते दिखे। नए कानूनों के बारे में प्रदेश पुलिस ने 31 हजार से ज्यादा विवेचकों को प्रशिक्षित किया है। सीसीटीएनएस में भी बदलाव कर लिए गए हैं। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने दी।
आमतौर पर लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू से जुड़े केस में चालान की अनुमति नहीं मिलने से केस सालों तक लंबित रहते हैं। नए कानून और प्रावधान के बारे में वेबिनार में आइजी इंटेलीजेंस डॉ. आशीष ने बताया कि ऐसे केस में 120 दिन में अनुमति नहीं मिली तो स्वत: अनुमति मान ली जाएगी और चालान पेश किया जा सकेगा।
महिला और बच्चों के लिए e-FIR की व्यवस्था
महिला बच्चों के साथ हुए अपराध के केस में अब उन्हें पुलिस थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि अब वे e-FIR की सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
ये भी खास
कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य उपकरणों के मैजेस जैसे साक्ष्य स्वीकार किए जाएंगे।
केस डायरी, एफआइआर, आरोप-पत्र आदि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण होगा।
इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का कानूनी प्रभाव, वैधता कागजी रिकॉर्ड के समान ही होगी।
वीसी के जरिए भी कोर्ट में पेशी की जा सकेगी।
अब 60 दिन के अंदर आरोप तय होंगे।
मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में ही सुनाना होगा फैसला।
ई-एफआइआर मामले में फरियादी 3 दिन के अंदर थाने में FIR की कॉपी पर साइन कर सकेंगे।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने बताया कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के लिए सख्त सजा के प्रावधान किए गए हैं। बच्चों से अपराध करवाना और उन्हें आपराधिक कृत्य में शामिल करना दंडनीय अपराध होगा।
-नाबालिग बच्चों की खरीद-फरोख्त जघन्य अपराधों में शामिल की जाएगी। -नाबालिग से गैंगरेप किए जाने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। -नए कानूनों के अनुसार पीड़ित का अभिभावक की उपस्थिति में ही बयान दर्ज किया जा सकेगा।